वाराणसी। ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी प्रकरण में पांच महिलाओं की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र पर सोमवार दोपहर अदालत का फैसला आ गया। दोपहर दो बजे अजय कुमार विश्वेश की अदालत ने फैसला पढ़ना शुरू किया, सवा दो बजे अदालत ने अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के प्रार्थना पत्र को अपने फैसले में खारिज कर दिया। इसके साथ ही अदालत ने प्रकरण के आगे भी सुनवाई जारी रहने की जानकारी देते हुए अगली तिथि 22 सितंबर तय कर दी।
फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाने तैयारी
वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर को लेकर दायर मुकदमा में जिला जज ने अपना ऐतिहासिक निर्णय देते हुए कहा कि उपरोक्त मुकदमा न्यायालय में चलने योग्य है। यह निर्धारित करते हुए प्रतिवादी संख्या चार अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के द्वारा अदालत को दिए गए 7-11 के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया गया। इसी के साथ अदालत ने अगली सुनवाई की तिथि 22 सितंबर तय कर दी है। वहीं अंंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाने की बात कही है।
दूसरी ओर ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन कोर्ट ने बताया कि हमारी बहस को अदालत में मान लिया गया है। मुस्लिम पक्ष के आवेदन को रद्द कर करते हुूए कोर्ट ने कहा है कि याचिका सुनवाई के योग्य है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर को होनी है तो हम आगे की प्रक्रिया के लिए अब तैयारी कर रहे हैं।
इस प्रकार अब आगे भी ज्ञानवापी मस्जिद मामले की सुनवाई जारी रहेगी। इससे संबंधित अन्य मामले भी अदालत में लंबित चल रहे हैं। अदालत का फैसला आने के बाद अब ज्ञानवापी के वजूखने में में मिले शिवलिंग के पूजन की अनुमति सहित श्रृंगार गौरी और अन्य देवी देवताओं के विग्रह के पूजन अर्चन संबंधी वाद को गति मिल जाएगी। दरअसल केस सुनवाई योग्य है या नहीं इसको लेकर भी अन्य मामले इस फैसले पर निर्भर करते थे। ऐसे में अब ज्ञानवापी मामले में अन्य वाद को लेकर सुनवाई हो सकेगी।
फैसले पर जताई खुशी
हिंदू पक्ष की याचिकाकर्ता मंजू व्यास ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अदालत के फैसले से संपूर्ण देश खुश हैं। हमारे हिंदू भाइयों और बहनों से विनती है कि आज फैसले के जश्न में अपने घरों में घी के दीये जलायें, शंख और नगाड़े बजाने के साथ ही हर-हर महादेव के नारे भी लगाएं। वहीं अदालत का फैसला आने के बाद कचहरी परिसर में हर-हर बम-बम और हर हर महादेव का उद्घोष काफी देर तक गूंजता रहा।
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