कन्नौज। कन्नौज के छिबरामऊ में एक ईंट भठ्ठे पर काम करने वाला मजदूर अचानक से अरबपति हो गया, जैसे ही उसे इसकी भनक लगी तो वह बड़े -बड़े सपने देखने लगा।गाड़ी और बंगले का ख्वाब संजोने लगा, लेकिन कुछ ही घंटे में उसके सारे ख्वाब चकानाचूर हो गए, जाने पूरा मामला…
ईंट.भट्ठा मजदूर के खाते में जब 31 अरब रुपए आए तो उसे पहले विश्वास ही नहीं हुआ। वह इतना खुश हुआ कि उसने पूरे गांव में शोर मचा दिया। पत्नी भी गहने और गाड़ी.बंगला खरीदने का सपना देखने लगी। खुशी इतनी थी कि मजदूर और उसके परिजन रातभर सो भी नहीं सके।
मजदूर सोमवार सुबह बैंक ऑफ इंडिया अकाउंट चेक कराने पहुंचा तो उसकी खुशियां मायूसी में बदल गईं। पता चला कि उसके खाते में आए सारे रुपये वापस चले गए हैं। अब उसके अकाउंट में महज 126 रुपए ही बचे हुए हैं।
मजदूर बिहारीलाल के बैंक अकाउंट का स्टेटमेंट में देखा जा सकता है कि उसके खाते में 31 अरब रुपए आए थे जो वापसी के बाद महज 126 रुपये में सिमट गया।
बैंक मित्र ने चेक किया खाता
छिबरामऊ के कमालपुर गांव में रहने वाले 45 वर्षीय बिहारी लाल राजस्थान के एक ईंट.भट्ठे पर काम करते हैं। वे एक दिन में 700 रुपये और महीने में 20 हजार के करीब कमा लेते हैं। बारिश में ईंट पथाई का काम बंद हो जाता है। इसलिए वे इस समय गांव लौट आए हैं।
बिहारी लाल बताते हैं रविवार को मुझे कुछ रुपये की जरूरत थी। बैंक बंद था, इसलिए गांव में ही बैंक मित्र के पास रुपये निकालने पहुंचा। वहां बैंक मित्र ने मेरा खाता चेक किया तो उसकी बोलती बंद हो गई। कम से कम तीन बार उसने खाता चेक किया। फिर उसने बताया कि मेरे खाते में 31 अरब रुपये आ गए हैं। सुन कर मुझे भी विश्वास नहीं हुआ। उसने बैंक की स्लिप ;बैंक स्टेटमेंट, निकाल कर भी दी।
मैंने उसी समय दस हजार रुपये भी निकालने को कहे तो उस समय पैसा नहीं निकला। फिर भी मैं इतना खुश हो गया कि मैंने पूरे गांव में यह बात बता दी। उस समय मैं शराब भी पिए हुआ था। सोमवार को जब मैं बैंक गया तो वहां काफी भीड़ थी। इसलिए, मैंने खाता नहीं चेक किया। शाम को जब फिर बैंक मित्र के पास गया तो उसने बताया कि वे रुपये अब वापस हो चुके हैं। अब मैं फिर से अपना खाता चेक करने बैंक जाऊंगा।
पत्नी बोलीं मैं तो सपने संजोने लगी
अकाउंट में 31 अरब रुपये आने के सवाल पर बिहारीलाल की पत्नी सरिता हंस पड़ीं। मगर, उनके चेहरे पर रुपये लौटने का दुख भी था। दुख को छिपाते हुए कहती हैं, जब पता चला कि इतने ज्यादा रुपये आ गए हैं तो मेरे दिमाग में बस यही बात थी कि मैं अपना एक अच्छा सा घर बना लूं। बेटी सयानी हो गई है, उसकी शादी करवा दूं और बेटे को कुछ काम.धंधा करवा दूंगी। पर अगले दिन ही यह सपना टूट गया। ये ;पति बिहारीलाल, पिछले 20 साल से मजदूरी करने राजस्थान जाते हैं। पीने.खाने की भी आदत है। 5 बेटियां हैं और दो बेटे हैं। बड़ा बेटा कुछ करता नहीं है। कभी कभी तो खाना भी ढंग से नसीब नहीं होता है। यही वजह है कि मैं सपने संजोने लगी थी।
बैंक ऑफ इंडिया के बैंक मैनेजर वीरेश चंद्र पाल बताते हैं, यह भ्रामक खबर है। मैंने उसका एकाउंट चेक किया है। उसमें मात्र 126 रुपये खाते में हैं। यह बिहारीलाल को भ्रमित कर बैंक के प्रति गलत अफवाह फैलाई गई है। जो स्क्रीन शॉट वह दिखा रहा है। वह गलत है। मेरे बैंक का स्क्रीन शॉट अलग है। यह बैंक मित्र की गलती है। उसका विनय कुमार नाम है। उसके खिलाफ हम कार्रवाई करेंगे। बिहारीलाल के खाते में बीते दिनों 2 हजार रुपये ही आए हैं। वह भी प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के हैं।
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