जमशेदपुर में महिला सिपाही, मां और बेटी को धारदार हथियार से उतारा मौत के घाट, वजह तलाश रही पुलिस

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Woman constable, mother and daughter killed with sharp weapons in Jamshedpur, police searching for the reason
मृतकों में महिला सिपाही सविता हेंब्रम (30) उसकी मां लखिया मुर्मू (70) और सविता की बेटी गीता हेंब्रम शामिल हैं।

जमशेदपुर। जमेशदपुर में उस समय हड़कंप मच गया, जब महिला सिपाही समेत तीन लोगों के मौत की जानकारी सामने आई। यह घटना जमशेदपुर के गोलमुरी पुलिस लाइन में हुर्ह, यहां महिला सिपाही, उसकी मां और बेटी की धारदार हथियार से वार करके हत्या कर दी गई। तीनों की लाश गुरुवार देर रात पुलिस लाइन स्थित पुलिसकर्मियों को सरकारी क्वार्टर जे-5 (ब्लॉक-2) से बरामद हुआ है। मृतकों में महिला सिपाही सविता हेंब्रम (30) उसकी मां लखिया मुर्मू (70) और सविता की बेटी गीता हेंब्रम शामिल हैं।

शव को फ्लैट में बंद करके भागा

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार वारदात के बाद हत्यारे तीनों लाशों को फ्लैट में बंद कर दिया और बाहर से ताला बंद कर फरार हो गए। फ्लैट से दुर्गंध आने पर पड़ोसी पुलिसकर्मी और उनके परिजनों ने गुरुवार रात को मेजर धर्मेंद्र कुमार को सूचना दी। मेजर ने तुरंत इसकी जानकारी एसएसपी प्रभात कुमार को दी। गोलमुरी थाने की पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। एसएसपी की मौजूदगी में फ्लैट का ताला तोड़ गया तो भीतर तीनों की क्षत-विक्षत लाश पड़ी थी।

पुलिस लाइन जैसे सु​रक्षित स्थान पर एक साथ तिहरे हत्याकांड से दहशत फैल गई है। वारदात के बाद तत्काल पुलिस ने उस कमरे को सील कर दिया है, जहां पर लाशें पड़ी हुई थी। किसी को अंदर जाने नहीं दिया जा रहा है। लेकिन अंदर की जो स्थिति थी, उससे स्पष्ट है कि हत्या करने वाले मेहमान बन कर महिला सिपाही के फ्लैट में आए थे और उन्होंने मंगलवार की रात में ही सविता और उसके परिवार वालों को मौत के घाट उतारा है।

पति की मौत के बाद मिली थी नौकरी

मंगलवार दिन में महिला सिपाही व उसके परिजनों को आस-पड़ोस के लोगों ने देखा था और वह उस दिन फर्स्ट हाफ में ड्यूटी पर भी गई थी। घटनास्थल को देखने से स्पष्ट पता चलता है कि हत्या करने वालों में 2 से अधिक लोग थे, जो वारदात के बाद घर से बाहर निकले और ताला बंद करते हुए फरार हो गए।

सविता का उसके ससुराल वालों से विवाद चल रहा था। पति कैलाश की मौत के बाद संविदा की नौकरी के लिए जब उसका नाम प्रस्तावित किया तो इसका विरोध उसकी सास ने किया था। जब पति की मौत हुई तब सविता 5 माह की गर्भवती थी। उसके बाद जब उसे प्रसव के समय अस्पताल में भर्ती किया गया, तब ससुराल से कोई भी उसे देखने के लिए नहीं आया।

सहेलियों के फोन से रहस्य हुआ उजागर

बहन रानू का कहना है कि सविता हेंब्रम की सहेलियों द्वारा बार-बार फोन कर उसके बारे में पता किया जा रहा था कि वह दो दिन से कहां गई है। क्योंकि घर के बाहर ताला लगा हुआ था और उसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल रही थी। एसएसपी कार्यालय में भी जाकर पता किया तो उसने छुट्टी भी नहीं ली थी। लिहाजा इन सब बातों को लेकर सभी असमंजस में थे। सहेलियां बार-बार सविता की बहन को फोन कर रही थी।

लगातार आते फोन के बाद बहन रानू गुरुवार रात को पहले पुलिस लाइन पहुंची और दरवाजे के पास गई तो अंदर से बदबू आ रही थी। तब तक एसएसपी भी आ गए तो यह स्पष्ट हो गया कि अंदर लाश पड़ी है। उसके बाद एसएसपी की मौजूदगी में कमरे का दरवाजा तोड़ा गया तो भीतर महिला सिपाही, उसकी मां और बेटी की लाश पड़ी हुई थी।

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