लखनऊ। विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव के सामने लगातार बुरी खबर सामने आ रही है। पहले चाचा, फिर आजम खान, इसके बाद आजमखान की नाराजगी के बाद उपचुनाव में दोनों सीटें गवानी पड़ी अब उसे विधान परिषद में नेता विरोधी दल का पद गंवाना पड़ा। दरअलस एमएलसी लाल बिहारी अब नेता विरोधी दल के बजाय सिर्फ दल के नेता रहेंगे।
इस संबंध में बृहस्पतिवार को अधिसूचना जारी की गई। प्रमुख सचिव डॉ. राजेश सिंह ने बताया कि 27 मई को विधान परिषद में सपा के 11 सदस्य होने की वजह से एमएलसी लाल बिहारी यादव को नेता विरोधी दल बनाया गया था। सात जुलाई को सदन में सपा के सिर्फ नौ सदस्य बचे हैं। ऐसे में सदस्यों की संख्या 10 से कम होने की वजह से पार्टी को नेता विरोधी दल की मान्यता समाप्त कर दी गई है।
10 एमएलसी का कार्यकाल समाप्त
विधान परिषद के 10 सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो गया है। सपा के नेता विरोधी दल का पद भी समाप्त कर दिया गया है। गुरुवार को विधान परिषद के विशेष सचिव ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। कार्यकाल पूरा करने वाले सदस्यों में जगजीवन प्रसाद, बलरामपुर यादव, डॉ. कमलेश कुमार पाठक, रणविजय सिंह, राम सुंदर दास निषाद, शतरुद्र प्रकाश, अतर सिंह राव, दिनेश चंद्रा, सुरेश कुमार कश्यप और दीपक सिंह शामिल हैं। इनका स्थान सात जुलाई से रिक्त घोषित कर दिया गया है।
इसे भी पढ़ें..
- देवरिया: दादा-दादी को फंसाने किशोर ने 6 साल के बच्चे का मुंह फवीक्वीक डालकर चिपकाया फिर घोंटा गला
- पीजीआई में अब न्यूरो के मरीजों को मिलेगा सटीक इलाज, न्यूरो फिजियोलैब व ऑक्सीजन प्लांट का शुभांरभ
- 12 जुलाई को पीएम मोदी करेंगे बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन, तैयारियों का जायजा लेने यूं पहुंचे मंत्री नन्द गोपाल