वाराणसी। बाबा विश्वनाथ के धाम के पास स्थित ज्ञानवापी मस्जिद की हकीकत जानने के लिए कोर्ट के आदेश के बाद पिछले तीन दिन से जारी कोर्ट का सर्वे आज पूरा हो गया। तीसरे दिन कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे-वीडियोग्राफी कार्य संपन्न हो गया। हिंदू पक्ष के अधिवक्ता ने दावा किया कि ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग मिला है। अदालत तक मामला पहुंचा। आवेदन पर कोर्ट ने उक्त स्थान के सील करने का आदेश जिला प्रशासन को दिया।अब इस मामले को लेकर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है।
सबसे पहले आज डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर कहा कि बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर ज्ञानवापी में बाबा महादेव के प्रकटीकरण ने देश की सनातन हिंदू परंपरा को एक पौराणिक संदेश दिया है। आगे लिखा कि सत्य को आप कितना भी छुपा लीजिए, लेकिन एक दिन सामने आ ही जाता है क्योंकि सत्य ही शिव है। अपनी बात रखते हुए कहा कि ज्ञानवापी में शिवलिंग मिलने की सूचना से शिवभक्त होने के नाते मैं बहुत खुश हूं। देश का हर शिवभक्त खुश है। सदियों से नंदीजी प्रतीक्षारत थे कि मेरे भोले बाबा कम मुझे मिलेंगे और अब मिल गए हैं। माननीय न्यायालय के आदेश से कमिश्नर वहां गए। सर्वे किया गया और वहां शिवलिंग मिलने की बात सामने आई।उन्होंने कहा कि यह खुशी का अवसर है और आगे कोर्ट जो भी आदेश देगा वह उसका स्वागत करेंगे।
ओवैसी ने किया पलटवार
इसके बाद एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पलटवार करते हुए कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद थी, और कयामत तक रहेगी इंशाअल्लाह।’भाजपा को भगवान मस्जिद में ही मिलता है’ इधर, जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इसे ध्यान भटकाने की राजनीति बताया। कहा कि हो सकता है कि इनको भगवान मस्जिद में ही मिलता है।सवाल करते हुए आगे पूछा कि ज्ञानव्यापी मस्जिद के पीछे पड़े हैं, क्या इसके बाद सब बंद हो जाएगा? उन्होंने कहा कि यहां माहौल बदलने की जरूरत है। भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने ट्वीट कर कहा कि आज के दिन स्वर्ग में बैठे सीताराम गोयल और रामस्वरूप जी मुस्कुरा रहे होंगे। हर हर महादेव। अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद ने कहा है कि शिवलिंग की पूरी सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित किया जाना चाहिए और कोई भी उसे छू ना सके ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए।
कोर्ट तक पहुंचा है मामला
ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में शिवलिंग के मिलने का मामला कोर्ट तक पहुंच गया है। सोमवार को सर्वे के बाद एक याचिका दायर कर शिवलिंग को सुरक्षित रखने की मांग की गई है। इस पर वाराणसी कोर्ट ने वाराणसी डीएम को आदेश दिया है कि जिस स्थान पर शिवलिंग प्राप्त हुआ है, उस स्थान को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया जाए।सील किए स्थान पर किसी भी व्यक्ति को प्रवेश करने पर रोक लगाने का निर्देश दिया गया है। कोर्ट ने कहा है कि वर्जित स्थान को संरक्षित और सुरक्षित रखने की पूरी व्यक्तिगत जिम्मेदारी वाराणसी डीएम, पुलिस कमिश्नर और सीआरपीएफ कमांडेंट की होगी।
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