लखनऊ। लखनऊ नगरवासियों के लिए बढ़ते प्रदूषण और रोजमर्रा की व्यस्तता के कारण स्वयं को स्वस्थ रखना बेहद मुश्किल होता जा रहा है। स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती चिन्ता के कारण बहुत से नागरिक सुबह-शाम स्थानीय पार्को में योग, व्यायाम करने और टहलने जाते है। कैसरबाग, बारादरी के पास स्थित वीरांगना उदादेवी पार्क में भी सुबह-शाम सैंकड़ों नागरिकजाते है, इस पार्क में पहले स्वास्थ्यप्रद गतिविधियों के लिये कोई शुल्क नहीं लिया जाता था। 12 मई 2022 से इस पार्क में सुबह 7 बजे से ही प्रवेश शुल्क अनिवार्य कर दिया गया है।
दस रुपये लगया शुल्क
यह शुल्क दस रुपये है और टिकट पर ‘लखनऊ विकास प्राधिकरण’ लिखा है। इसी तरह नगर के दूसरे पार्कों में भी शुल्क की व्यवस्था की जा रही है। इस नई व्यवस्था से नगर के नागरिकों में बहुत असंतोष है। नगर के लोग स्वस्थ रहें और उन्हें व्यायाम और योग के लिये जगह मिले, बच्चों को खेलने के लिये मैदान मिले, यह हर नगर की बुनियादी जरूरत है। लेकिन इन स्थान पर सुबह-शाम शुल्क लगाने से नागरिकों को काफी दिक्कत होगी और बड़ी संख्या में लोग व्यायाम, योग करने से वंचित हो जायेंगे।
बच्चों के लिए भी लगाया टिकट
ऊदा देवी पार्क के ठेकेदार के द्वारा 5 से 13 साल तक के बच्चो के लिए भी टिकट अनिवार्य कर दिया गया है जिसका लोगों ने विरोध किया फिर भी ठेकेदार ने बिना टिकट बच्चों को प्रवेश नहीं दिया। ठेकेदार की मनमर्जी से लोगों के मन में गुस्सा व नाराजगी है। हस्ताक्षर आभियान में वीरेंद्र त्रिपाठी ,यादवेंद्र, सालिब, दानिश, बहार जी, के के शुक्ला, पुष्पेन्द्र कुमार, विप्लव, पूनम सोनकर, संगीता, सीमा, सोभना, आदि लोगों ने सहयोग किया। इस आभियान को पहले दिन ही 150 लोगों को समर्थन मिला। कल इस आभियान को चलाकर ज्यादा से ज्यादा लोगों का समर्थन लेकर 18 मई 2022 को नगर आयुक्त लखनऊ, महापौर लखनऊ, मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को सम्बोधित ज्ञापन दिये जाने का निर्णय भी लिया गया।हमारा नगर लखनऊ स्वच्छ हो और स्वस्थ हो, इसलिये हम सब लखनऊ के नागरिकों की मांग है
कि
- लखनऊ के पार्कों को योग-व्यायाम, टहलने आदि के लिये सुबह 8 बजे तक और शाम 5 बजे के बाद शुल्क
मुक्त रखा जाए। - पार्कों की सफाई एवं हरियाली के लिये विशेष व्यवस्था की जाय एवं इस कार्य में नागरिकों का सहयोग लिया जाए।
- बच्चों को खेलने के लिये हर वार्ड में उचित संख्या मे मैदानों की व्यवस्था की जाए।
- नगर के अलग-अलग हिस्सों में साइकिल ट्रैक बनवाया जाए।
- हरे-भरे नगर के लिये यह जरूरी है कि नगर में बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण कराया जाए और विकास के नाम
पर पेड़ों को काटने पर रोक लगाई जाए।
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