दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में शुक्रवार को आग ने मौत का तांडव किया। इस हादसे में अब तक 27 लोगों के मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 150 से अधिक लोगों को रेस्क्यू किया गया। वहीं मरने वालों का आंकड़ा और अधिक बढ़ सकता है।दिल्ली के मुंडका मेट्रो स्टेशन के पास तीन मंजिला कॉमर्शियल बिल्डिंग में लगी आग में दमकल विभाग के दो कर्मचारियों की भी मौत हुई हैं। बताया जा रहा है 10 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस ने शुक्रवार की देर शाम इमारत के मालिक हरीश गोयल और वरुण गोयल समेत 12 लोगों को हिरासत में ले लिया। वहीं इस हादसे में पर राष्ट्रपति प्रधानमंत्री के साथ ही दिल्ली के सीएम ने शोक संवेदना जताई।
सात घंटे में बुझी आग
शुक्रवार शाम 4.40 बजे आग लगने की सूचना मिलने के बाद करीब 7 घंटे बाद आग पर काबू पाया जा सका। हालांकि देर रात 12 बजे आग फिर से आग धधकने लगी, जिस पर वहां मौजूद दमकल कर्मियों ने काबू पाया। रेस्क्यू टीम ने इमारत की खिड़कियां तोड़कर फंसे लोगों को बचाया। रात को NDRF की टीम भी मौके पर पहुंच गई।
150 लोगों को रेस्क्यू किया गया
पुलिस और प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार जिस बिल्डिंग में आग लगी, वहां कई कंपनियों के ऑफिस थे। यहां से करीब 150 लोगों को रेस्क्यू किया गया। 100 लोगों की टीम इसके लिए तैनात की गई। दिल्ली पुलिस ने घटनास्थल से संजय गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया, ताकि घायलों को तेजी से अस्पताल तक पहुंचाया जा सके।
बढ़ सकती है मृतकों की संख्या
रात को करीब 1 बजे आउटर दिल्ली के DCP समीर शर्मा ने बताया, ‘बिल्डिंग में रेस्क्यू का काम अभी पूरा नहीं हुआ है। हो सकता है कि कुछ और शव अभी मिलें। अब तक जो शव मिले हैं, वो ऐसी हालत में है कि उनकी शिनाख्त मुश्किल है। लिहाजा पुलिस फॉरेंसिक टीम की मदद लेगी। लापता लोगों से इनके डीएनए सैंपल मैच कराए जाएंगे, ताकि मृतकों की पहचान की जा सके।
यहां से उठी मौत की चिंगारी
इमारत की पहली मंजिल पर CCTV की फैक्ट्री और गोदाम है। यहां शॉर्ट सर्किट से लगी आग ने भीषण रूप धारण कर लिया और पूरे भवन को अपने चपेट में ले लिया। वहीं इस बिल्डिंग में चल रही फैक्ट्री में काफी संख्या में मजदूर काम कर रहे थे। इमारत में प्रवेश और निकास एक ही होने से बचाव कार्य जल्द शुरू नहीं हो सका। जगह काफी कंजस्टेड होने से रेस्क्यू में भारी परेशानी आई।
सब जलकर हुआ खाक
इमारत के ग्राउंड फ्लोर के अलावा सभी मंजिलों पर रखी गई हर सामान जलकर राख हो गई। दिल्ली के फायर डायरेक्टर अतुल गर्ग ने बताया कि इमारत में सामान काफी था। इस वजह से आग बुझाने में काफी परेशानी आई। बिल्डिंग की तीन में से दो मंजिलों की सर्चिंग पूरी हो गई है। तीसरी मंजिल की सर्चिंग की जा रही है।
घबराहट में इमारत से कूदे लोग
इमारत की खिड़कियों से निकलते धुएं के बीच लोगों को JCB मशीन और क्रेन के सहारे नीचे उतारा गया, वहीं कुछ लोग रस्सी की मदद से नीचे आए। दिल्ली फायर सर्विस के डिप्टी चीफ फायर ऑफिसर सुनील चौधरी ने बताया कि कुछ लोग बिल्डिंग से कूद गए, जिससे वो घायल हो गए। मौके पर फायर ब्रिगेड की 27 गाड़ियां भेजी गई थीं। एंबुलेंस भी तैनात है। नजदीकी गांव के लोगों ने मौके पर पहुंचकर लोगों को बचाने में मदद की।
ग्रीन कॉरिडोर से पहुंचाया अस्पताल
इस हादसे में घायलों को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर संजय गांधी अस्पताल भेजा गया। प्रधानमंत्री मोदी ने घटना पर संवेदना व्यक्त की है। हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को प्रधानमंत्री राहत कोष से 2 लाख रुपए दिए जाएंगे और जो घायल हुए हैं उन्हें 50 हजार रुपए प्रदान किए जाएंगे।
आग लगते ही मची अफरा-तफरी
स्थानीय लोगों ने बताया कि पहली मंजिल में आग लगते ही वहां अफरा-तफरी मच गई। इमारत में फंसे लोग बाहर निकलने के लिए जद्दोजहद कर रहे थे। कुछ लोग इमारत से कूद गए। बताया जा रहा है कि जनरेटर से आग लगी और धुंए की वजह से लोग कुछ देख नहीं पा रहे थे। कुछ लोगों ने उपर से छलांग लगाकर अपनी जान बचाई। कुछ मिनटों में ही इमारत में आग लगने की जानकारी मिलते ही आसपास के सैकड़ों लोगपहुंच गए। लोगों ने इमारत में फंसे लोगों को बचाने की कोशिश करने लगे। सड़क के आसपास काफी भीड़ जमा हो गई। जिसकी वजह से वहां जाम लग गया। वहां पहुंचने वाले कुछ ऐसे भी लोग थे जिनके अपने इमारत में स्थित कंपनी में काम करते थे।
मेट्रो संचालन भी हुआ प्रभावित
यह इमारत रोहतक रोड के किनारे ही स्थित है। ऐसे में आग की लपटें ऊपर उठने के दौरान मेट्रो का परिचालन भी कुछ समय के लिए अवरुद्ध हो गया। बाद में आग को नियंत्रित करने के बाद परिचालन फिर से शुरू किया गया।
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