इमरान की गुगली में फंसी विपक्ष, अब जानते के पाले में गई गेंद जानिए अब क्या होगा

201
Opposition trapped in Imran's googly, now know that the ball has gone in the court, know what will happen now
पाकिस्‍तान के इस सियासी घटनाक्रम में फौज का क्‍या रोल होता है? क्‍या विपक्ष को सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत मिल सकती है?

नई दिल्‍ली। पड़ोसी देश पाकिस्तान में राजनीतिक संकट छाया हुआ है। संसद में होने वाले खेल में इमरान खान जीत गए, लेकिन विपक्ष चारों खाने चित्त हो गया। अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी स्वत: संज्ञान में लेते हुए मामले पर सुनवाई करेगी। इमरान सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को बिना मतदान के ही खारिज कर दिया गया। इसके साथ ही नेशनल असेंबली के डिप्‍टी स्‍पीकर ने अविश्‍वास प्रस्‍ताव को बिना वोटिंग के ही खारिज कर दिया। हालांकि, विपक्ष ने सूरी के इस कदम को अवैध और असंवैधानिक करार दिया है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्‍या सच में डिप्‍टी स्‍पीकर का यह कदम असंवैधानिक था? अब क्‍या देश में आम चुनाव होंगे? पाकिस्‍तान के इस सियासी घटनाक्रम में फौज का क्‍या रोल होता है? क्‍या विपक्ष को सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत मिल सकती है?

इमरान की चाल कामयाब

राजनीतिक जानकारों का माने तो पाकिस्‍तान में राजनीतिक अस्थिरता का दौर अभी समाप्‍त नहीं हुआ है। पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को बिना मतदान के ही खारिज कर दिया गया। दरअसल, इसकी भूमिका पहले से ही बन गई थी। इमरान खान ने राष्‍ट्र के नाम संबोधन में राष्‍ट्रपति आरिफ अल्‍वी से संसद भंग करने की सिफारिश की थी। इसमें कहीं भी संवैधानिक प्रक्रिया का उल्‍लंघन नहीं किया गया है। संसदीय व्‍यवस्‍था में प्रधानमंत्री राष्‍ट्रपति को संसद भंग करने की सिफारिश कर सकता है। इमरान ने भी वही किया। ऐसे करके इमरान खान अपनी सरकार को बचाने में कामयाब हो गए।

नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम खान सूरी ने पाकिस्तानी संविधान के अनुच्छेद 5 का हवाला देते हुए इस अविश्वास प्रस्ताव को बिना वोटिंग के ही खारिज कर दिया। इस अनुच्‍छेद के तहत स्‍पीकर को यह अधिकार हासिल है कि अगर वह समझता है कि सदन में सरकार ने बहुमत खाे दिया है तो वह अपने विवेक से ऐसा कर सकता है। खास बात यह है कि कासिम खान सूरी ने आज सदन की जिम्मेदारी ऐसे वक्त संभाली जब विपक्ष ने नेशनल असेंबली के स्पीकर असद कैसर के खिलाफ ही अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया।

चुनाव बाद नई सरकार

भले ही पाकिस्तान का विपक्ष सुप्रीम कोर्ट में जाने की बात करे, लेकिन संवैधानिक प्रावधान के अनुसार पाकिस्‍तान में अब आम चुनाव के बाद ही नई सरकार का गठन होगा। इमरान ने यह संकेत अपने राष्‍ट्र के नाम भाषण में दिया था। अब पाकिस्‍तान में आम चुनाव के अलावा कोई विकल्‍प नहीं है। विपक्ष को चुनाव का सामना करना होगा। उन्‍होंने कहा कि हालांकि, विपक्ष को इस बात का अंदाजा नहीं था कि पाकिस्‍तान में आम चुनाव की नौबत आएगी।

देखता रह गया विपक्ष

विपक्ष इमरान सरकार को हटाना चाहता था और अपना बहुमत दिखाकर सत्‍ता पर काबिज होना चाहता था, लेकिन राष्‍ट्रपति और नेशनल असेंबली अध्‍यक्ष ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया। उन्‍होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि विपक्ष के पास बहुमत था, लेकिन संसद भंग होने के बाद सरकार बनाने का विकल्‍प समाप्‍त हो जाता है। उन्‍होंने कहा कि अब बड़ा सवाल यह है कि क्‍या आम चुनाव के समय में भी विपक्ष इमरान खान के खिलाफ एकजुट रह पाता है।वहीं अभी तक पाक‍िस्‍तान की इस सियासी संकट से दूर है अभी तक सेना का कोई भी बयान इमरान खान या विपक्ष के समर्थन या विरोध में नहीं आया है। ऐसे में यह देखना भी दिलचस्‍प होगा कि पाकिस्‍तान की सेना क्‍या सोच रही है।

इसे भी पढ़ें..

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here