जानिए दानिश आजाद के बारे में जिसने योगी के 52 सदस्यीय मंत्री मंडल में बनाई जगह

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Know about Danish Azad who made a place in Yogi's 52-member cabinet
2022 के चुनाव से ठीक पहले उन्हें भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा का महामंत्री बनाया गया।

लखनऊ। आज जब राजधानी के इकाना स्टेडि​यम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बाद एक —एक करके पहले उपमुख्यमंत्री फिर मंत्रियों ने शपथ ली तो सबकी नजरें उस शख्स को खोज रही थी, ​जिसने बतौर मुस्लिम चेहरा मंत्री मंडल में जगह बनाई है। आपकों बता दें किदानिश आजाद ने योगी आदित्यनाथ की पहली सरकार में इकलौते मुस्लिम मंत्री रहे मोहसिन रजा की जगह इस बार मंत्री बनाए गए। छह साल तक भाजपा से जुड़े छात्र संगठन यानी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ता रहे। दानिश उन चेहरों में हैं, जो पार्टी के लिए मेहनत करते रहे हैं। 2017 में इसका पहला इनाम भी उन्हें मिला। तब दानिश को उर्दू भाषा समिति का सदस्य बनाया गया। 2022 के चुनाव से ठीक पहले उन्हें भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा का महामंत्री बनाया गया।

बलिया के रहने वाले है दानिश आजाद

दानिश आजाद अंसारी मूल रूप से बलिया के बसंतपुर के रहने वाले हैं। 2006 में लखनऊ यूनिवर्सिटी से बी.कॉम की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद यहीं से मास्टर ऑफ क्वालिटी मैनेजमेंट फिर मास्टर ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई की है। जनवरी 2011 में भाजपा के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़ गए। यहीं से दानिश के आजाद पहचान बनने लगी। दानिश ने खुलकर एबीवीपी के साथ-साथ भाजपा और आरएसएस के लिए युवाओं के बीच माहौल बनाया। खासतौर पर मुस्लिम युवाओं के बीच।

सरकार बनी तो मिला इनाम

2017 में यूपी में भाजपा की सरकार बन गई। चुनाव में जिन-जिन लोगों ने मेहनत की थी, उन्हें इनाम मिला। इन्हीं में एक नाम था दानिश आजाद का। दानिश 2018 में फखरुद्दीन अली अहमद मेमोरियल कमेटी के सदस्य रहे। बाद में उन्हें उर्दू भाषा समिति का सदस्य बना दिया गया। ये एक तरह से दर्जा प्राप्त मंत्री का पद होता है। इस बार चुनाव से पहले अक्टूबर 2021 में दानिश को बड़ी जिम्मेदारी मिल गई। भाजपा ने अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश महामंत्री पद की जिम्मेदारी दे दी, और 2022में मंत्री बनाकर उन्हें इनाम दिया गया।

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