AIDSO ने शहीद-ए-आजम भगतसिंह सुखदेव व राजगुरु की शहादत दिवस को किया याद

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AIDSO remembers the martyrdom day of Shaheed-e-Azam Bhagat Singh Sukhdev and Rajguru

जौनपुर। आल इण्डिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स आर्गेनाइजेशन (AIDSO) छात्र संगठन के द्वारा शहीद-ए-आजम भगतसिंह, सुखदेव व राजगुरु की 91वीं शहादत दिवस जौनपुर शहर स्थित भगत सिंह पार्क में पूरे सम्मान से मनाया गया। इस अवसर पर एआईडीएसओ के कार्यकर्ताओं ने पार्क में उपस्थित लोगों को भगतसिंह की फोटो युक्त बैज धारण कराया, प्रदर्शनी व बुक स्टॉल भी लगाया। कार्यक्रम की शुरुआत भगतसिंह, सुखदेव व राजगुरु की फोटो पर माल्यार्पण करके किया गया।

भारत में मेहनतकश जनता की जिंदगी

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एआईडीएसओ के राज्य सचिव- दिलीप कुमार ने कहा कि, भगत सिंह ने न केवल इस देश को अंग्रेजी राज की गुलामी की बेड़ियों से आजाद कराना चाहा था, बल्कि उन्होंने एक ऐसी समाजवादी समाज व्यवस्था की कल्पना की थी जिसमें इंसान को अपनी बुनियादी आवश्यकताओं के लिए तरसना नहीं पड़ेगा और मानव के द्वारा मानव के शोषण का अंत किया जा सकेगा। लेकिन भारत की आजादी के 75 वर्षों में भी हम एक ऐसी समाज व्यवस्था से कोसों दूर हैं। भारत में मेहनतकश जनता की जिंदगी अंधकार के गर्त में डूबती जा रही है। चारों ओर मंहगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, अपराध, हिंसा, रेप, हत्या, धार्मिक कट्टरता, जातीय उन्माद, आदर्शहीनता और खुदगर्जी का आलम व्याप्त है। मानवता त्राहि त्राहि कर रही है।

गैर समझौतावादी संघर्ष

हर दिन छोटी मासूम बच्चियों से लेकर बूढ़ी महिलाओं के ऊपर अपराध कितने बढ़ गये हैं। धर्मनिरपेक्ष राजनीति के स्थान पर फिरकापरस्ती का वातावरण कायम हो रहा है। युवा नेता- प्रमोद कुमार शुक्ल ने कहा कि, केंद्र व विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा आजादी आंदोलन के गैर समझौतावादी धारा से जुड़े वीर योद्धाओं की यादों को भुलाने की कोशिश की जा रही है।

भगत सिंह व उनके साथी क्रांतिकारियों का नाम लेकर विभिन्न राजनैतिक पार्टियां चाहे जितनी भी अपनी राजनीतिक रोटी क्यों न शेक लें, लेकिन वास्तव में सभी सरकारें भगत सिंह की गैर समझौतावादी संघर्ष और उनके क्रांतिकारी विचारों को पाठ्यक्रमों में शामिल करने से कतराते रहे हैं। मिथिलेश कुमार मौर्य (किसान नेता, AIKKMS) ने कहा कि, आजादी के 75 वर्ष होने पर भी “23 मार्च को राष्ट्रीय दिवस” के रूप में घोषित नहीं किया जा रहा है। भगतसिंह और उनके क्रांतिकारी साथियों को अभी तक “शहीद” का दर्जा नहीं दिया गया।

व्यापारीकरण व सांप्रदायीकरण को बढ़ावा

एआईडीएसओ के जौनपुर जिला संयोजक- संतोष कुमार ने कहा कि, भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव की बेमिसाल शहादत हर छात्र युवाओं को सभी प्रकार के शोषण अन्याय जुल्म अत्याचार से लड़ने के लिए प्रेरणा देता रहेगा। भगतसिंह के सपनों का भारत बनाने के लिए आज छात्र युवाओं के कंधे पर ऐतिहासिक जिम्मेदारी है।

इस अवसर पर एआईडीएसओ की सह संयोजिका अंजली ने शिक्षा का निजीकरण, व्यापारीकरण व सांप्रदायीकरण को बढ़ावा देने वाली नई शिक्षा नीति 2020 के खिलाफ दिल्ली में जंतर-मंतर पर 5 अप्रैल को आयोजित छात्रों के धरना-प्रदर्शन में शामिल होने की अपील किया। पूनम, अनीता, विजयप्रकाश गुप्ता (युवा नेता-AIDYO) व विवेक मित्र ने अपने विचार रखे व क्रांतिकारी गीत प्रस्तुत किए। इस अवसर पर चंदा, रवि, नैंसी, कविता, अर्चना, संयोगिता, ऋतिक, जितेंद्र मौर्य, और एसयूसीआई(सी) के प्रवीण कुमार शुक्ल व शिवभवन सिंह आदि मौजूद रहे।

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