पंजाब की हार: सिद्धू पर फूटा ठीकरा, सोनिया गांधी ने बैठक में हार की यह वजह बताई

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Punjab's defeat: Sidhu was blamed, Sonia Gandhi gave this reason for the defeat in the meeting
माकन ने कहा कि यदि कैप्टन अमरिंदर सिंह को थोड़ा पहले ही हटा दिया जाता तो बेहतर होता।

नई दिल्ली। पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के हाथ से पंजाब ​भी फिसल गया। हार के बाद पहली बार हुई कांग्रसे हाईकमान की बैठक में हार पर मंथन हुई।कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रविवार को पार्टी कार्यसमिति की बैठक में स्वीकार किया कि उन्होंने ही कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ मिली शिकायतों को नजरअंदाज किया था। बैठक में यह बात उठी कि कैप्टन अमरिंदर सिंह को पहले ही हटा देना चाहिए था, जिस पर सोनिया गांधी ने कहा कि मैं ही कैप्टन का संरक्षण दे रही थी, जबकि उनके खिलाफ लगातार शिकायतें आ रही थीं। आपकों बता दें कि सोनिया गांधी ने यह बात उस समस कही, जब कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन अजय माकन ने कहा कि यदि कैप्टन अमरिंदर सिंह को थोड़ा पहले ही हटा दिया जाता तो बेहतर होता।

अजय माकन ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह को सितंबर 2021 में हटाया गया था, तब तक कांग्रेस सरकार के खिलाफ ऐंटी-इनकम्बैंसी काफी बढ़ चुकी थी। वह राज्य में पार्टी की करारी हार को लेकर बात कर रहे थे। इस दौरान नेताओं ने एक तरफ राहुल गांधी की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम बनाकर पंजाब और पूरे देश में कांग्रेस के लिए एक एसेट तैयार की। लेकिन राज्य के ही टॉप नेताओं ने उनकी टांग खींचने में कोई कसर नहीं छोड़ी। पार्टी ने हार की वजहों में से एक इसे भी माना है।

माकन बोले- टांग खिंचाई करते थे सिद्धू

बैठक में अजय माकन ने सिद्धू और चन्नी के बीच तनाव का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि चन्नी ने जब राज्य में बिजली की दरों में कटौती की थी तो प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू का कहना था कि आखिर इसके लिए पैसा कहां से आएगा। इसके अलावा जब ड्रग्स के मुद्दे पर कार्रवाई की गई तो पार्टी के ही नेताओं का कहना था कि अदालत में यह केस नहीं टिक पाएगा। माकन ने इस दौरान सिद्धू पर एक और हमला बोलते हुए कहा, ‘राहुल गांधी ने जब एक साधारण परिवार से आने वाले नेता चन्नी को समर्थन किया और सीएम फेस घोषित किया तो सिद्धू के परिवार ने उन्हें अमीर बताते हुए पार्टी की संभावनाओं को कमजोर किया।’

इसलिए मिली हार

इस बैठक में कांग्रेस नेताओं ने कहा कि पार्टी की सरकार की ओर से सितंबर 2021 तक कुछ नहीं किया गया, जिन्हें लेकर 2017 में तमाम वादे किए गए थे। बेअदबी और ड्रग्स जैसे मुद्दे उठाते हुए नेताओं ने कहा कि कैप्टन सरकार के दौर में इन पर कुछ नहीं हुआ था। यही वजह है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह पटियाला में बड़े अंतर से पराजित हो गए। कांग्रेस कार्यसमिति में कहा गया, ‘अकाली नेताओं पर कैप्टन अमरिंदर सिंह नरम थे और दोनों को ही इलेक्शन में नुकसान उठाना पड़ा। कांग्रेस से लोग इस बात को लेकर नाराज थे कि कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाने में उसने इतनी देरी क्यों कर दी।’

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