चुनाव में शिकस्त के बाद अखिलेश ने उठाया बड़ा कदम चाचा को देंगे यह बड़ी​ जिम्मेदारी

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Shivpal took a jibe at Akhilesh Yadav, if there is a problem with me, then throw him out of the party.
सपा नेता आजम खां से भी संपर्क में होने की बात कही है। कहा कि वह किसी भी दिन आजम से मुलाकात कर सकते हैं।

लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव में हार झेलने के बाद अखिलेश यादव ने पार्टी को एकजुट रखने के लिए बड़ा फैसला लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से शनिवार को प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं जसवंत नगर से विधायक शिवपाल सिंह यादव ने मुलाकात की।वहीं शिवपाल यादव ने अपने बयान में हार को स्वीकार करते हुए कहा था कि वह मजबूत विपक्ष की भूमिका बेहतर ढंग से निभाएंगे।

दोनों के बीच करीब घंटे भर चर्चा हुई। संभवत: चुनाव परिणाम को लेकर चर्चा की गई। माना जा रहा है कि शिवपाल सिंह यादव को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। हालांकि समाजवादी पार्टी ने अभी इसकी अधिकृत पुष्टि नहीं की है। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अखिलेश यादव करहल से विधायकी छोड़ सकत है और वह ससंद में आजमगढ़ की नुमाइंदगी करते रहेंगे।

21 को ही सपा विधायकों की बैठक

सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने बताया कि 21 को विधायकों की बैठक बुलाई गई है। संभव है कि उसमें इस मुद्दे पर कोई चर्चा हो। यूपी चुनाव परिणाम पर शिवपाल यादव ने कहा कि माहौल हमारे पक्ष में था। पार्टी में कुछ कमियां रह गई हैं। हम उनका विश्लेषण करेंगे और विचार-विमर्श करेंगे और पार्टी को और मजबूत करेंगे।

शिवपाल सिंह यादव जसवंतनगर से विधायक हैं। उन्होंने 90 हजार मतों से जीत दर्ज की। शिवपाल को 158531 मत मिले, जबकि भाजपा प्रत्याशी विवेक शाक्य को सिर्फ 68454 मत। इस तरह शिवपाल 90077 मतों से विजयी रहे। उन्हें 62.89 फीसदी मत मिले। उन्होंने कहा कि हमारे संगठन में कुछ कमियां थीं। हमारे कार्यकर्ता अतिआत्मविश्वास में डूबे हुए थे। इसके अलावा भाजपा ने जो भी चालाकियां की हैं उसका जवाब हमारे कार्यकर्ता नहीं दे पाए। उन्होंने कहा कि वोटर लिस्ट से सपा समर्थकों के वोट काटे गए थे जिससे हमें नुकसान हुआ है।

फ्री के राशन ने बना माहौल

भाजपा ने जनता को फ्री राशन और खाते में पैसा देकर अपने पक्ष में माहौल बनाया। हम चुनाव परिणाम की समीक्षा करेंगे और आगे बढ़ेंगे। इस बीच यह चर्चा हो रही है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव करहल से इस्तीफा दे सकते हैं। ऐसे में यहां उपचुनाव कराए जाने की संभावना है। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि आजमगढ़ में सर्वाधिक 10 सीटें मिलने से यहां से वह जुड़े रहेंगे। सपा को मैनपुरी जिले की चार में दो, संभल की चार में तीन, रामपुर में पांच में तीन, मुरादाबाद की छह में पांच सीटें मिली हैं। जबकि आजमगढ़ जिले की सभी 10 विधानसभा सीटें सपा के खाते में आई हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि सपा अध्यक्ष आजमगढ़ से संसद सदस्य के रूप में जुड़े रहेंगे।

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