अहमदाबाद ब्लास्ट के पीड़ितों को मिला न्याय: देश में पहली बार एक साथ 38 दोषियों को हुई फांसी की सजा

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Ahmedabad blast victims get justice: For the first time in the country, 38 convicts were hanged together
इससे पहले केवल राजीव गांधी हत्याकांड में एक साथ 26 लोगों को सजा सुनाई गई थी।

अहमदाबाद। आज देश की न्यायिक व्यवस्था के लिए ऐतिहासिक दिन रहा है। क्योंकि देश में पहली बार किसी मामले में एक साथ इतने गुनहगारों को फांसी की सजा हुई है।दरअसल आज कोर्ट में 13 साल पहले हुए बम ब्लास्ट के मामले में कोर्ट ने दोषियों को सजा सुनाई। अहमदाबाद में 2008 में हुए सीरियल ब्लास्ट में 56 लोगों की जान गई थी। विशेष अदालत ने धमाकों के 49 गुनहगारों को सजा दी। 38 के लिए सजा-ए-मौत मुकर्रर की गई है। 11 ताउम्र कैद में रहेंगे। इससे पहले केवल राजीव गांधी हत्याकांड में एक साथ 26 लोगों को सजा सुनाई गई थी।

78 में से 29 बरी और एक सरकारी गवाह बना

8 फरवरी को सिटी सिविल कोर्ट ने 78 में से 49 आरोपियों को UAPA (गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम) के तहत दोषी करार दिया था। इनमें से एक दोषी अयाज सैयद को जांच में मदद करने के लिए बरी किया जा चुका है। 29 आरोपी सबूतों के अभाव में बरी हो चुके हैं। फैसले के वक्त कोर्ट ने धमाकों में मारे गए लोगों के परिजनों को एक लाख, गंभीर घायलों को 50 हजार और मामूली घायलों को 25 हजार रुपए की मदद देने का भी आदेश दिया।

70 मिनट में हुए थे 21 धमाके

आपकों बता दें कि 26 जुलाई 2008 के दिन अहमदाबाद में 70 मिनट के दौरान 21 बम धमाकें से पूरा शहर दहल गया ​था। इन धमाकों में 56 लोगों की जान गई, जबकि 200 लोग घायल हुए थे। धमाकों की जांच-पड़ताल कई साल चली और करीब 80 आरोपियों पर मुकदमा चला।ब्लास्ट के बाद गुजरात की सूरत पुलिस ने 28 जुलाई और 31 जुलाई 2008 के बीच शहर के अलग-अलग इलाकों से 29 बम बरामद किए थे, जिनमें से 17 वराछा इलाके में और अन्य कतारगाम, महिधरपुरा और उमरा इलाके में मिले थे। जांच में पता चला कि गलत सर्किट और डेटोनेटर की वजह से इन बमों में विस्फोट नहीं हो पाया था।

गोधरा कांड के जवाब में किए गए थे ब्लास्ट

ये ब्लास्ट आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन (IM) और बैन किए गए स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) से जुड़े लोगों ने किए थे। विस्फोट से कुछ मिनट पहले, टेलीविजन चैनलों और मीडिया को एक ई-मेल मिला था, जिसके जरिए कथित तौर पर ‘इंडियन मुजाहिदीन’ ने धमाकों की चेतावनी दी थी। पुलिस का मानना है कि IM के आतंकियों ने 2002 में गोधरा कांड के बाद हुए दंगों के जवाब में ये धमाके किए थे। इस मामले के एक अन्य आरोपी यासीन भटकल पर पुलिस नए सिरे से केस चलाने की तैयारी में है।

19 दिन में पकड़े गए 30 आतंकी

स्पेशल टीम ने महज 19 दिनों में 30 आतंकियों को पकड़कर जेल भेज दिया था। इसके बाद बाकी आतंकी देश के अलग-अलग शहरों से पकड़े जाते रहे। अहमदाबाद में हुए धमाकों से पहले इंडियन मुजाहिदीन की इसी टीम ने जयपुर और वाराणसी में भी धमाकों को अंजाम दिया था। देश के कई राज्यों की पुलिस इन्हें पकड़ने में लगी हुई थी, लेकिन ये एक के बाद एक ब्लास्ट करते चले गए। अहमदाबाद धमाकों के दूसरे दिन, यानी 27 जुलाई को सूरत में भी सीरियल ब्लास्ट की कोशिश की गई थी, लेकिन टाइमर में गड़बड़ी की वजह से बम फट नहीं पाए थे।

देश के अलग-अलग शहरों से कुल 78 लोगों को अरेस्ट किया गया था। ब्लास्ट में शामिल आठ अन्य आरोपियों की तलाश अभी भी जारी है। सीरियल ब्लास्ट का मास्टरमाइंड यासीन भटकल दिल्ली की जेल में, जबकि अब्दुल सुभान उर्फ तौकीर कोचीन की जेल में बंद है।

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