दूसरे चरण में भाजपा के सामने बड़ी चुनौती, मुस्लिम मतदाताओं का 40 सीटों पर असर, जानें समीकरण

311
Big challenge in front of BJP in second phase, impact of Muslim voters on 40 seats, know equation
55 विधानसभा सीटों में से भाजपा ने 38 सीटों पर जीत दर्ज की थी।

लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के दूसरे चरण का मतदान जारी है। दूसरे चरण में नौ जिलों की 55 सीटों पर मतदान हो रहा है। दूसरे चरण में 55 सीटों में 40 सीटों पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या ज्यादा है। ऐसे में मौजूदा सरकार के लिए यह चरण सबसे कठीन है। आंकड़े बताते हैं कि दूसरे चरण में जिन नौ जिलों में मतदान चल रहा है, इन जिलों की 40 सीटों पर 30 से 55% मुस्लिम वोटर्स हैं। मतलब इन सीटों पर मुस्लिम वोटर्स काफी निर्णायक होने वाले हैं।

पिछली बार चला था भाजपा का जादू

मालूम हो कि दूसरे चरण में जिन 55 सीटों पर मतदान चल रहा है, उनमें से ज्यादातर पर 2017 में भाजपा का कब्जा था। 55 विधानसभा सीटों में से भाजपा ने 38 सीटों पर जीत दर्ज की थी। 15 सीटों पर सपा और दो पर कांग्रेस उम्मीदवारों की जीत हुई थी। समाजवादी पार्टी ने जिन 15 सीटों पर जीत दर्ज की थी, उसमें से 10 मुस्लिम उम्मीदवार जीत दर्ज कर विधानसभा पहुंचे थे।

मुस्लिम महिलाओं को साधने की कोशिश

मालूम हो कि 10 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सहारनपुर में बड़ी चुनावी रैली की। पीएम ने महिलाओं के मुद्दे पर अपनी बात रखी। इस दौरान पांच मिनट तक प्रधानमंत्री सिर्फ मुस्लिम महिलाओं के हक की बात ही कहते रहे। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘विकास में बेटियों की सहभागिता सबसे अहम है। मुस्लिम बहन-बेटियां हमारी इस साफ नियत को अच्छी तरह से समझती हैं। हमने मुस्लिम बहनों को तीन तलाक के जुल्म से मुक्ति दिलाई है। हमने जो तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाया है, उसमें मुस्लिम बहनों को सुरक्षा का विश्वास दिलाया है।’

प्रधानमंत्री ने कहा था कि मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक के उत्पीड़न से भाजपा की सरकार ने बचाया। जब मुस्लिम बहन-बेटियों का समर्थन खुलेआम भाजपा को मिलने लगा। मुस्लिम बेटियां भाजपा के समर्थन में वीडियो डालने लगीं। भाजपा सरकार की तारीफ करने लगीं। मुस्लिम बेटियों के वीडियो देखकर ठेकेदारों के पेट में दर्द होने लगा। मोदी की तारीफ में मुस्लिम बहनों के बयान देखकर ठेकेदारों को लगा कि इन बेटियों को रोकना होगा। ये मोदी की तरफ चली जाएंगी तो घर में भी उनका राज आ जाएगा।’

नौ जिलों के मुप्रम आंकड़े

मुरादाबाद  यहां की सभी छह सीटों पर 40 से 55 प्रतिशत तक मुस्लिम मतदाता हैं। 2017 में इन छह सीटों में से चार पर समाजवादी पार्टी और दो पर भाजपा के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी। इस बार समाजवादी पार्टी ने यहां की सभी सीटों पर मुस्लिम चेहरे उतारे हैं। इसके अलावा बसपा ने पांच, कांग्रेस ने पांच मुस्लिम प्रत्याशियों को टिकट दिया है। भाजपा के सभी प्रत्याशी हिंदू हैं।

बिजनौर 

यहां आठ विधानसभा सीटें हैं। इनमें से छह पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 35 से 50 प्रतिशत तक है। 2017 विधानसभा चुनाव में यहां की छह सीटों पर भारतीय जनता पार्टी की जीत हुई थी, जबकि दो पर समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार जीतने में कामयाब हुए थे। इस बार समाजवादी पार्टी ने यहां से दो मुस्लिम चेहरों को टिकट दिया है। नजीबाबाद से तसलीम अहमद, धामपुर से नईमुल हसन सपा उम्मीदवार हैं। भाजपा के सभी प्रत्याशी हिंदू हैं। बसपा और कांग्रेस ने यहां की चार विधानसभा सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशियों को टिकट दिया है।

रामपुर

यहां की सभी पांच सीटों पर मुस्लिम वोटर्स का काफी अधिक प्रभाव है। आंकड़ों के अनुसार इन पांचों सीटों पर 30 से 50 प्रतिशत तक मुस्लिम मतदाता हैं। सपा सांसद आजम खान का यहां दबदबा रहा है। 2017 विधानसभा चुनाव में जिले की तीन सीट पर समाजवादी पार्टी और दो पर भारतीय जनता पार्टी जीती थी। इस बार यहां की बिलासपुर सीट से भाजपा ने योगी सरकार में मंत्री रहे बलदेव सिंह औलख को मैदान में उतारा है। औलख सिख समुदाय से आते हैं। वहीं, स्वार सीट पर भाजपा के सहयोगी अपना दल ने हैदर अली खान को उम्मीदवार बनाया है।

संभल

यहां चार विधानसभा सीटें हैं। इनमें तीन पर पर यादव और मुस्लिम वोटर्स की संख्या 60 फीसदी से ज्यादा है। एक सीट पर दलित वोटर्स भी करीब 40 प्रतिशत हैं। 2017 में यहां से दो सीटें भाजपा और दो समाजवादी पार्टी के खाते में गईं थीं। इस बार समाजवादी पार्टी ने संभल सीट से मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट दिया है, बाकी तीन सीटों पर हिंदू प्रत्याशी हैं। भाजपा के सभी प्रत्याशी हिंदू हैं। बसपा ने सबसे ज्यादा तीन और कांग्रेस ने दो सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशियों को मौका दिया है।

बरेली 

यहां नौ विधानसभा सीटें हैं। इनमें पांच सीटों पर 30 से 40 प्रतिशत तक मुस्लिम मतदाता हैं। पिछली बार सभी नौ सीटें भाजपा के खाते में गईं थीं। भाजपा ने इस बार भी सभी सीटों पर हिंदू प्रत्याशियों पर ही भरोसा जताया है। कांग्रेस ने दो, सपा और बसपा ने एक-एक मुस्लिम चेहरे को टिकट दिया है।

अमरोहा 

जिले की चार सीटों में से तीन पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 30 से 40% है। पिछली बार यहां की तीन सीटें भाजपा के खाते में गईं थीं, जबकि एक पर समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार ने जीत हासिल की थी। इस बार सपा ने एक मुस्लिम चेहरे को टिकट दिया है, जबकि बसपा ने दो मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं। कांग्रेस ने भी दो सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशियों को टिकट दिया है। भाजपा के सभी प्रत्याशी हिंदू हैं।

बदायूं 

यहां की छह सीटों में से चार मुस्लिम वोटर्स की संख्या 30 से 45 फीसदी तक है। पिछली बार इनमें से पांच पर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों ने जीत हासिल की थी, जबकि एक पर समाजवादी पार्टी की जीत हुई थी। इस बार सपा और कांग्रेस ने यहां की एक-एक, बसपा ने दो सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशियों को टिकट दिया है। भाजपा के सभी प्रत्याशी हिंदू हैं।

सहारनपुर

जिले में सात विधानसभा सीटें हैं। इनमें पांच सीटों पर करीब 30 से 40 फीसदी मुस्लिम वोटर्स हैं। 2017 में इनमें से चार पर भारतीय जनता पार्टी, दो पर कांग्रेस और एक पर समाजवादी पार्टी को जीत मिली थी। इस बार सपा ने दो, बसपा ने तीन मुस्लिम प्रत्याशियों को मौका दिया है। भाजपा के सभी प्रत्याशी हिंदू हैं।

शाहजहांपुर 

जिले में छह विधानसभा सीटें हैं। यहां की तीन सीटों पर 17 से 25 फीसदी मुस्लिम वोटर्स हैं। 2017 के आंकड़ों पर नजर डालें तो इनमें से पांच पर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी की जीत हुई थी। एक पर समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार को जीत मिली थी। इस बार सपा, बसपा और कांग्रेस ने यहां की एक-एक सीट पर मुस्लिम चेहरे को टिकट दिया है। नोट यह आंकड़े एक हिन्दी न्यूज पोर्टल से कॉपी किए गए है।

इसे भी पढ़ें..

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here