गाय मां और किसान भाई दोनों की खुशहाली का अरमान सपा का मास्टरस्ट्रोक

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SP's masterstroke for the prosperity of both cow mother and farmer brother
भाजपा को जितना चुनावी नुकसान हुआ होगा उससे ज्यादा नुकसान फसलें बर्बाद करने वाले आवारा पशुओं से परेशान किसानों की नाराजगी से हो सकता है।

लखनऊ-नवेद शिकोह। चुनावी तैयारी की शुरुआत में उत्तर प्रदेश के बड़े-बड़े सियासतबाजों से बड़ी चूक हुई। खासकर भाजपा के थिंकटैंक भी अपने वोटर्स की नफ्ज़ टटोलने में नाकाम हुए हैं। कृषि कानून से नाराजगी से शुरू हुए किसान आंदोलन और आंदोलनकारियों से सरकार के टकराव से यूपी में भाजपा को जितना चुनावी नुकसान हुआ होगा उससे ज्यादा नुकसान फसलें बर्बाद करने वाले आवारा पशुओं से परेशान किसानों की नाराजगी से हो सकता है।

भाजपा समर्थक किसान भी भाजपा से इसलिए नाराज दिखे क्योंकि उनकी फसलों को बर्बाद कर रहे बढ़ते आवारा पशुओं से निजात दिलाने के लिए सरकार ने कोई ख़ास नीति नहीं बनाई। जो गौशालाओं बनीं वो प्रर्याप्त नहीं थीं, चारा मंहगा था, सरकारी सहुलियतें कम मिल रहीं थी इसलिए गौशालाओं का संचालन करने वालों के लिए मुश्किलें पेश आईं।

किसानों के नुकसान से भरपाई का प्रयास

ऐसे बातें, ऐसी शिकायतें और ऐसी ग्राउंड रिपोर्ट्स जगजाहिर होने के बाद भी दलों ने किसानों की इस भीषण समस्यां के समाधान के लिए खुल कर कोई ठोस घोषणा नहीं की। सभी दलों ने कृषकों के उत्थान के वादे किए हैं। सफल सुरक्षा बीमा जैसी घोषणाओं के साथ अप्रत्यक्ष रूप से आवारा पशुओं से फसलें बर्बाद होने के नुकसान की भरपाई की बात कही है। लेकिन गाय-सांड इत्यादि के झुंडों से फसलें बचाने के स्थाई समाधान की कार्ययोजना को स्पष्ट रूप से बयां नहीं किया गया। इस संबंध में किसी घोषणा को गाय विरोधी नहीं मान लिया जाए इस शंका से दल इस ज़रुरी मुद्दे पर ज्यादा मुखर नहीं हुए। सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे इस तरकीब पर देर से ही सही पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अमल करना शुरू कर इस मुद्दे को लपकने की कोशिश की है।

अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर अवध क्षेत्र के किसानों को सपा आश्वस्त करना चाहती है कि उनकी सरकार आई तो फसलों की सुरक्षा के लिए गौवंश के लिए प्रर्याप्त गोशालाओं और उनके लिए मुफ्त चारे का इंतेज़ाम करेगी। ताकि लावारिस आवारा छुट्टा जानवरों के झुंड फसलों को बर्बाद न करें। किसानों के खून-पसीनों की फसलें तबाह न हों और दिन में खेती के कामों में थके किसान भाई रात भर खेतों में पहरा देने के बजाय चैन की नींद सो सकें। अपने ऐसे वादों-इरादों और संकल्प को सपा ने प्रत्याशियों के चुनावी प्रचार का मुख्य हिस्सा बनाया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर अवध क्षेत्र में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने चहेते, विश्वसनीय और जिताऊ उम्मीदवारों को किसान प्रेम से ज्यादा गोवंश प्रेम की भावना को प्रचारित करने की जिम्मेदारी दी है।

सपा प्रत्याशी गौवंश को देंगे सरंक्षण

आवारा पशुओं से फसलों को बचाने के लिए सकारात्मक योजना के तहत गोवंश को संरक्षण, चारा और प्रर्याप्त मात्रा में गोशाला देने का वचन देने वाले सपा के ज्यादातर प्रत्याशी मुस्लिम हैं। लखनऊ पश्चिम के सपा उम्मीदवार अरमान ख़ान भी अपने चुनावी एजेंडे में गौवंश प्रेम व्यक्त कर रहे हैं। इस एजेंडे के पीछे हिंदू-मुस्लिम एकता के साथ किसान प्रेम और आवारा पशुओं से फसलों को बचाने का थ्री इन वन मकसद है।ये सब तो चुनावी एजेंडे हुए लेकिन ये सच है कि यूपी की अगली सरकार के लिए गौवंश और किसानों की फसलों को बचाना बड़ी चुनौती होगी। गाय के प्रति धार्मिक भावनाओं का आदर, गोरक्षा और गौवंश संरक्षण के साथ किसानों की फसलों को आवारा गाय, सांड इत्यदि से भी बचाना सरकार की बड़ी क़ाबियत मानी जाएगी।

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