छात्रों के प्रदर्शन के आगे झुका रेलवे: एनटीपीसी और लेवल-1 परीक्षा पर लगाई रोक

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Railways bowed before the performance of students: Ban on NTPC and Level-1 examination
गया जक्शन पर अभ्यर्थियों ने रेलवे की बोगी में आग लगा दी।

प्रयागराज। एनटीपीसी के परीक्षा परिणाम को लेकर उत्तर प्रदेश और बिहार में अभ्यर्थियों के प्रदर्शन उग्र होता देख रेलवे ने घुटने टेक दिए। छात्रों के आक्रोश को शांत कराने के लिए रेलवे ने सख्त कदम उठाया। रेल मंत्रालय ने एनटीपीसी और लेवल वन परीक्षा पर रोक लगा दी है। इसके अलावा रेल मंत्रालय ने छात्रों की बात सुनने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है। यह कमेटी परीक्षा में पास और फेल हुए अभ्यर्थियों की शिकायत को सुनेगी और इसकी रिपोर्ट रेल मिनिस्ट्री को सौंपेगी। इसके बाद रेल मंत्रालय आगे का निर्णय लेगा। मालूम हो कि देशभर में 1.26 करोड़ छात्रों ने परीक्षा के लिए आवेदन किया था।

डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने शांति की अपील की

एनटीपीस रिजल्ट के खिलाफ पिछले तीन दिन से यूपी और बिहार में हजारों अभ्यर्थी प्रदर्शन कर रहे है। यह प्रदर्शन कई जगहों पर हिंसक रूप भी ले लिया था। प्रयागराज में रेलवे ट्रैक पर अभ्यर्थियों ने ट्रेन रोक दी थी। इसके बाद RPF और GRP ने अभ्यर्थियों को उनके कमरों और लाज में घुसकर बुरी तरह से पीटा था। करीब एक दर्जन अभ्यर्थी गिरफ्तार भी हुए थे। पिटाई प्रकरण में तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। कांग्रेस महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने छात्रों की पिटाई की कड़ी नाराजगी की थी। वहीं यूपी के डिप्टी

सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने छात्रों से शांति बनोन की अपील की है।

रेल मंत्रालय ने यह दी थी धमकी

छात्रों के उग्र होते हुए प्रदर्शन के बाद रेल मंत्रालय ने कहा था कि यह देखने में आया है कि रेलवे नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों ने रेलवे ट्रैक पर विरोध-प्रदर्शन कर ट्रेन रोकने व रेलवे संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने का काम किया है। इस तरह की गुमराह करने वाली गतिविधियां, अनुशासनहीनता, अराजकता व गैर कानूनी काम करने वाले अभ्यर्थियों को रेल मंत्रालय कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। ऐसी गतिविधियों के वीडियो की विशेष एजेंसियों की मदद से जांच की जा रही है। गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त पाए जाने वाले उम्मीदवारों पर पुलिस कार्रवाई के साथ-साथ रेलवे की नौकरी प्राप्त करने पर आजीवन प्रतिबंध भी लगाया जा सकता है।

कई ट्रेनों को रद करना पड़ा था

मंगलवार को NTPC भर्ती में सीबीटी प्रथम परीक्षा में 20 फीसद अभ्यर्थियों को क्वालीफाई कराने की मांग को लेकर देश के कई स्थानों पर रेलवे ट्रैक को रोककर विरोध प्रदर्शन हुआ है। इसी कड़ी में प्रयागराज में भी प्रयाग स्टेशन पर रेलवे ट्रैक को जाम किया गया था। इसके अलावा दानापुर मंडल के राजेंद्र नगर टर्मिनल स्टेशन पर प्रतियोगियों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन के कारण कई ट्रेनों के परिचालन में बदलाव करना पड़ा।

यह है पूरा मामला

प्रदर्शनकारियों का तर्क है कि रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड की एनटीपीसी भर्ती सीबीटी-1 के रिजल्ट में जोन वाइज कुल पदों के सापेक्ष 20 गुना अभ्यर्थियों को क्वालीफाई करना था। नोटिस में यही कहा गया था। हालांकि बोर्ड ने ऐसा नहीं किया है। विभिन्न स्लॉट में पदों की संख्या को आधार मानकर अलग- अलग हर स्लॉट के लिए 20 गुना अभ्यर्थियों को क्वालीफाई घोषित किया गया है। इससे परीक्षा में क्वालीफाई करने वाली अभ्यर्थियों की वास्तविक संख्या 20 गुना के बजाय महज 5-6 गुना रह गई है। इससे हजारों की संख्या में अभ्यर्थी RRB-NTPC भर्ती के दूसरे चरण यानी सीबीटी-2 परीक्षा में भाग नहीं ले पाएंगे। यही विरोध की वजह है।

रेलवे भर्ती बोर्ड ने पहले जारी विज्ञापन में कहा था कि वह 35,281 पदों को भरने पर विचार कर रहा है। इनमें से 13 श्रेणियों में 24,281 पद स्नातक के लिए रहेंगे। इसके अलावा छह श्रेणियों में 11,000 पद गैर-स्नातक के लिए रखे गए थे। 13 श्रेणियों को सातवें केंद्रीय वेतन आयोग के वेतनमान स्तर (स्तर 2, 3, 4, 5, 6) के आधार पर पांच समूहों में विभाजित किया गया था। इन पदों में ट्रेन असिस्टेंट, गार्ड, जूनियर क्लर्क, समयपाल और स्टेशन मास्टर शामिल हैं।

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