यूपी में स्वास्थ्य सेवाओं का खस्ता हाल! गुड गवर्नेंस रिपोर्ट में खुलासा, ओवरऑल रैंकिंग में यूपी को मिला 19वां स्थान

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देशभर के सभी राज्यों के मुकाबले यूपी की स्वास्थ्य व्यवस्था का खस्ता हाल है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नीति आयोग की एक दिन पहले जारी हुई गुड गवर्नेंस की रिपोर्ट के मुताबिक तो यही सच्चाई बयां की गई है।

नई दिल्ली। कोरोना को लेकर मचे हाहाकार के बीच खबर यूपी के स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर आई खबर मायूस करने वाली है। दरअसल देशभर के सभी राज्यों के मुकाबले यूपी की स्वास्थ्य व्यवस्था का खस्ता हाल है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नीति आयोग की एक दिन पहले जारी हुई गुड गवर्नेंस की रिपोर्ट के मुताबिक तो यही सच्चाई बयां की गई है।

बताया गया कि 29 राज्यों के अलावा केंद्र शासित प्रदेशों को भी जोड़ लें तो भी उत्तर प्रदेश पब्लिक हेल्थ में सबसे आखिरी पायदान पर है। वहीं कृषि और नौकरी,शिक्षा में भी यूपी को अच्छे नंबर नहीं मिले हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ओवरआल रैंकिंग में यूपी 19वें नंबर पर है।

बताया गया कि गुजरात को पहला, महाराष्ट्र को दूसरा और गोवा को तीसरा स्थान मिला है। यदि 2019 से इस साल के गुड गवर्नेंस इंडेक्स की तुलना करें तो वाणिज्य और उद्योग के सेक्टर में उत्तर प्रदेश ने 8.9 फीसदी की वृद्धि हासिल की है।

जानिए क्या कहती है रिपोर्ट

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गुड गवर्नेंस इंडेक्स में स्वास्थ्य के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश केंद्र शासित और 29 राज्यों में सबसे पीछे है। वहीं कृषि के क्षेत्र में यूपी को 17वां स्थान मिला है। इसकी क्रम में मानव संसाधन विकास में यूपी 12वें नंबर पर है।

2019 के मुकाबले इन राज्यों ने किया सुधार

रिपोर्ट के मुताबिक 20 राज्यों ने वर्ष 2021 के समग्र जीजीआई अंकों में सुधार किया है। वहीं जम्मू-कश्मीर के रैंकिंग में 3.7 फीसदी की वृद्धि हुई है। बताया गया कि झारखंड ने 12.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। वहीं राजस्थान की रैंकिंग में 1.7 प्रतिशत का सुधार हुआ है। मिजोरम की रैंकिंग में 10.4 प्रतिशत का सुधार हुआ है।

वहीं गुजरात ने 12.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। इसी तरह गोवा की रैंकिंग में 24.7 प्रतिशत का सुधार हुआ है। वहीं दिल्ली ने 14 प्रतिशत का सुधार कर पहला स्थान प्राप्त किया है।

ऐसे तैयार की गई है GGI-2021 की रिपोर्ट

​मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 10 क्षेत्रों के 58 पैरामीटर्स पर विचार किया गया। बताया गया कि राज्यों को 4 कैटेगरी में बांटा गया। जिसके मुताबिक ग्रुप ए, ग्रुप बी, पूर्वोत्तर-पहाड़ी राज्य, केंद्र शासित प्रदेश में बांटकर रैंकिंग तैयार की गई है। वहीं रिपोर्ट में 2019 के स्कोर के हिसाब से तुलना भी की गई है।

यूं हुआ राज्यों का बंटवारा

ग्रुप एः केरल, महाराष्ट्र, गोवा, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, गुजरात, पंजाब, हरियाणा। ग्रुप बीः पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश। पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्य की श्रेणीः मिजोरम, सिक्किम, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, असम। केंद्र शासित प्रदेश की श्रेणीः अंडमान एंड निकोबार द्वीप समूह, पुदुचेरी, लक्षद्वीप, चंडीगढ़, दादर एंड नागर हवेली, दिल्ली, दमन एंड द्वीप।

इन 10 सेक्टर पर आंकी गई परफॉर्मेंस

बताया गया कि जिन 10 सेक्टरों में राज्यों की परफॉर्मेंस आंकी गई है उनमें कृषि और इससे संबंधित क्षेत्र, वाणिज्य और उद्योग,मानव संसाधन विकास, सार्वजनिक स्वास्थ्य,सार्वजनिक बुनियादी ढांचा,आर्थिक शासन,सामाजिक कल्याण व विकास,न्यायिक व सार्वजनिक सुरक्षा पर्यावरण,नागरिक केंद्रित शासन को शामिल किया गया है।

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