गाजियाबाद। यूपी के गाजिबाद शहर में उस समय पुलिस वाले दंग रह गए जब उन्हें एक घर के अंदर तहखाना मिला। तहखाना में अवैध हथियार बनाने की फैक्ट्री चल रही थी। यह फैक्ट्री गाजियाबाद के मुरादनगर में चल रही थी, यहां अवैध हथियार बनाने का काम किया जात रहा था। फैक्ट्री से पुलिस को 14 तमंचे, एक पिस्टल, एक बंदूक, पिस्टल की पांच मैगजीन समेत हथियार बनाने में उपयोग होने वाले औजार मिले हैं।
जब पुलिस कार्रवाई करने के लिए पहुंची तो अनुमान लगाया कि इस मकान को अवैध धंधे चलाने के लिए ही खासतौर पर डिजाइन कराया गया होगा। इस तहखाने से पुलिस ने 22 दिसंबर को हथियारों की फैक्ट्री पकड़ी है।
मेनहोल से उतरने के लिए लोहे की सीढ़ी
गाजियाबाद पुलिस की क्राइम ब्रांच ने बुधवार को मुरादनगर में गुड़ मंडी जीतपुर स्थित एक मकान पर छापा मारा। पुलिस को पूरा मकान अंदर से खाली मिला। पुलिस को सूचना इतनी सटीक मिली थी, इसलिए वह खाली हाथ लौटकर भी नहीं आ सकती थी। सबसे अंदर कमरे में पहुंचने पर पुलिस को एक मेनहोल जैसा ढक्कन रखा मिला। ढक्कन हटाते ही पुलिस के होश उड़ गए। नीचे उतरने के लिए लोहे की सीढ़ी लगी हुई थी। कुछ पुलिसवाले इस सीढ़ी से नीचे उतरे ही थे कि एक और तहखाना दिख गया। इसी तरह दूसरे तहखाने में नीचे उतरे तो देखा कि मकान से करीब 15 फीट नीचे जमीन के अंदर हथियार बनाए जा रहे थे।
मकान मालिक ने पहले खुद फैक्ट्री चलाई, फिर किराए दे दिया। क्राइम ब्रांच प्रभारी अब्दुर रहमान सिद्दीकी ने बताया कि यह मकान मेरठ में कोतवाली क्षेत्र निवासी जहीरुद्दीन का है। जहीरुद्दीन हथियार बनाने और सप्लाई करने से जुड़ा है। पहले वह खुद इसी मकान में अवैध हथियार बनाने की फैक्ट्री चलाता था। तीन महीने पहले उसने यह मकान किराए पर दे दिया। जिन लोगों ने किराए पर लिया, वह गैंग भी मेरठ का है और हथियार बना रहा था।
डेढ़ हजार में तमंचा, 15 हजार में पिस्टल
गाजियाबाद पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अवैध हथियार फैक्ट्री चलाने में अमन उर्फ अन्नू, नूर हसन सैफी, सलमान कुरैशी, सुहैल मलिक और यूसुफ रांगड़ को गिरफ्तार किया है। ये सभी मेरठ में लिसाड़ी गेट थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं। इनके साथी अब्दुल सलाम, हाजी जुल्फिकार, चांद पहलवान और शाहिद मामा फरार हैं। डेढ़ हजार में एक तमंचा और करीब 15 हजार रुपये में एक पिस्टल तैयार की जा रही थी।
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