लखनऊ। यूपी मिशन—2022 को लेकर सपा सुप्रीमो अखिलेश का दांव अब जमीन पर नजर आने लगा है। इसी क्रम में पार्टी ने अब जातीय समीकरणों को साधने के लिए गोलबंदी तेज कर दी गई है। इसके लिए विभिन्न जातियों के क्षत्रपों को अलग—अलग जिम्मा सौंपा गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विभिन्न जातियों के क्षत्रप अलग-अलग इलाकों में अपनी जाति का सम्मेलन करेंगे। बताया गया कि जिस क्षेत्र में पहले चौहान सम्मेलन होगा, वहां अगले सप्ताह मौर्य सम्मेलन किया जाएगा। इसी तरह जातीय जनाधार वाले नेता अपना कार्यक्रम तय कर रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इन सम्मेलनों में सपा सरकार में संबंधित जाति के हुए कामों को गिनाया जाएगा। इसके साथ ही संबंधित जाति के महापुरुषों के जरिए उनमें स्वाभिमान जगाने का काम किया जाएगा। बताया गया कि रणनीति के इसी क्रम में 22 दिसंबर से बाबा साहब भीमराव आंबेडकर जनादेश यात्रा निकालने जा रही है।
मिली जानकारी के मुताबिक प्रयागराज सेे शुरू होने वाली पहले चरण की यात्रा बुंदेलखंड का भ्रमण करने के बाद कानपुर में 27 दिसंबर को सम्पन्न होगी। बताया गया कि पार्टी से जुड़े के विभिन्न संगठनों को जातीय गोलबंदी के जरूरी निर्देश दिए गए हैं।
गौरतलब है कि पार्टी अब तक विभिन्न यात्राओं के जरिए डॉ. राम मनोहर लोहिया के विचारों का ही प्रचार करती रही है। लेकिन पार्टी ने पहली बार डॉ. आंबेडकर के संदेश को प्रचारित करने की रणनीति बनाई है। इसके तहत केशवदेव मौर्य, डॉ. संजय चौहान,
ओम प्रकाश राजभर, राम अचल राजभर, डॉ. राजपाल कश्यप, महेंद्र कुमार गौड़ सहित अलग-अलग जाति के नेताओं को इसका जिम्मा सौंपा गया है।
डॉ.आंबेडकर जनादेश यात्रा को लेकर ये है तैयारी
समाजवादी बाबा साहब वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर चौधरी के नेतृत्व में निकलने वाली इस यात्रा में डॉ. आंबेडकर के विचारों से संबंधित प्रचार सामग्री बांटी जाएगी। बताया गया कि 22 को प्रयागराज से शुरू होने वाली यात्रा तीन दिन इसी जिले में रहेगी।
इसके बाद बांदा, चित्रकूट, महोबा, ललितपुर, जालौन, कानपुर ग्रामीण होते हुए 27 दिसंबर को कानपुर नगर पहुंचेगी। इसके बाद दूसरे चरण की यात्रा शुरू होगी।
जल्द होगा गठबंधन की सीटों का ऐलान
गठबंधन को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पहले ही कह चुके हैं कि सीट को लेकर किसी भी दल से कोई मतभेद नहीं है। उनके मुताबिक गठबंधन करने से पहले सीटें तय कर ली गई हैं। गठबंधन में शामिल होने वाले हर दल एवं संगठन के लोग संतुष्ट हैं।
बताया गया कि संबंधित जिला इकाई और वहां के वरिष्ठ नेताओं से मशविरा करने के बाद ही दूसरे दल के नेता को पार्टी में शामिल किया गया है। सूत्रों के मुताबिक सभी दलों को मिलाकर करीब 100 सीटें तक सपा सहयोगियों को दे सकती है।
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