नई दिल्ली। जहां एक ओर पेट्रोल डीजल के बढ़े दाम व महंगाई को लेकर जनता बेबस व लाचार नजर आ रही है तो वहीं इस पर सियासत भी खूब हो रही है। ताजा मामला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बयान को लेकर गर्माया है।
दरअसल पेट्रोल-डीजल के ऊंचे दामों पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि लोगों को अपने राज्य की सरकार से पूछना चाहिए कि उनमें पेट्रोल-डीजल की दरों में कटौती क्यों नहीं की है। उनके मुताबिक केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी में कटौती के बाद राज्य सरकारों से भी वैट में कटौती की मांग की थी।
कहा गया कि अब यह लोगों को उन पार्टियों से पूछना चाहिए जिन्हें उन्होंने वोट दिया था। निर्मला सीतारमण ने दिल्ली में राज्यों के मुख्यमंत्रियों और वित्त मंत्रियों के साथ हुई एक बैठक के बाद कहा कि “पेट्रोल और डीजल को गुड सर्विस टैक्स (GST) में तब तक शामिल नहीं किया जा सकता,
जब तक कि GST परिषद उन्हें शामिल करने के लिए दर तय नहीं करती।” वहीं दूसरी ओर विपक्षी दल भी बढें दामों को लेकर भाजपा सरकार पर लगातार हमलावर हैं।
गौरतलब है कि पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतो से लोगों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने 3 नवंबर को पेट्रोल पर 5 रुपए और डीजल पर 10 रुपए एक्साइज ड्यूटी घटाई थी। जिसके बाद कर्नाटक, पुडुचेरी, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नगालैंड, त्रिपुरा, असम, सिक्किम, बिहार, मध्य प्रदेश, गोवा, गुजरात, दादरा एवं नागर हवेली,
दमन एवं दीव, चंडीगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और लद्दाख इस पर वैट में कटौती कर चुके हैं। वहीं केंद्र सरकार द्वारा एक्साइज ड्यूटी कम करने के बाद एक तरफ भाजपा शासित राज्यों ने पेट्रोल-डीजल पर वैट में तुरंत कटौती कर दी थी, तो वहीं राजस्थान, केरल,झारखंड, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र,
पश्चिम बंगाल और दिल्ली जैसे गैर-भाजपा शासित राज्यों ने अभी तक वैट में कटौती नहीं की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक देश में पेट्रोल का बेस प्राइस तो अभी 47.93 रुपए के करीब ही है। मगर केंद्र और राज्य सरकारों की तरफ से लगने वाले टैक्स से इनकी कीमतें देश के हिस्सों में 115 रुपए तक के करीब पहुंच गई हैं।
बताया गया कि केंद्र सरकार 27.90 रुपए एक्साइज ड्यूटी वसूल रही है। इसके बाद राज्य सरकारें इस पर अपने हिसाब से वैट और सेस वसूलती हैं। इससे पेट्रोल का दाम बेस प्राइज से 2 गुना से भी अधिक हो जाता है। देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल पर 51.89 और डीजल पर 34.48 रुपए से भी अधिक टैक्स वसूला जाता है।
विपक्षी दलों का तर्क
वैट में कटौती न करने को लेकर विपक्षी दलों ने तर्क दिया है कि मोदी सरकार ने बीते सालों में एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने के बाद इसमें केवल मामूली कमी की है। उनका दावा है कि राज्य सरकारों ने वैट में बढ़ोतरी नहीं की,
इसलिए इसे कम करने का कोई सवाल ही नहीं है। वहीं यदि केंद्र अपनी एक्साइज ड्यूटी को कम कर देगा तो पेट्रोल डीजल के दाम आपने आप कम हो जाएंगे।
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