नई दिल्ली। भारतीय रेल को भारत की लाइफलाइन भी माना जाता है। लाखों लोग हर रोज देश भर में यात्रा करते हैं। कोई घूमने के लिहाज से तो किसी काम की वजह से ट्रेनों में यात्रा करता है। यह देश में कहीं भी आने-जाने के लिए सुरक्षित और सबसे सुविधाजनक जरिया बताया जाता है।
आप भी ट्रेनों में अक्सर सफर करते ही होंगे, मगर क्या आप रेलवे के सभी नियमों से परिचित हैं? शायद नहीं होंगे। कई बार ऐसा होता है कि लोगों को एकाएक भी ट्रेन की यात्रा करनी पड़ती है। वैसे तो ऐसे लोगों के लिए रेलवे की ओर से तत्काल टिकट बुकिंग की सुविधा दी गई है, लेकिन सभी को टिकट मिल जाए, ऐसा संभव नहीं,
क्योंकि जाने वाले बहुत लोग होते हैं और ट्रेन में सीटों की संख्या कम होती है। ऐसा भी मामले सामने आए हैं कि लोग मजबूरी में किसी और की टिकट पर यात्रा कर लेते हैं, मगर क्या ऐसा करना सही है? कहीं ऐसा करना आपको महंगा न पड़ जाए। ऐसा में जानना जरूरी है कि ये कितना उचित है?
जानिए क्या है नियम?
दरअसल ट्रेन में सफर करने वाले लोगों को रेल मंत्रालय अक्सर नियम-कानूनों को लेकर आगाह करता रहता है। कुछ महीने पहले ही रेल मंत्रालय ने एक ट्वीट के माध्यम से लोगों को यह जानकारी दी थी कि ‘किसी अन्य व्यक्ति के नाम की टिकट पर रेल यात्रा करना दंडनीय अपराध है। हमेशा उचित टिकट लेकर ही यात्रा करें।’
वहीं रेलवे यात्रियों को दलालों से टिकट न खरीदने की सलाह भी अक्सर देता रहता है। दरअसल दलाल क्या करते हैं कि वो पहले ही किसी और के नाम पर किसी-किसी जगह की टिकट काट कर रख लेते हैं और उसे जल्दबाजी में जाने वाले यात्रियों को अधिक कीमत पर बेच देते हैं।
रेलवे इसको लेकर समय-समय पर यात्रियों को गाइडलाइंस जारी करता रहता है कि ऐसा करने से बचना जरूरी है। वरना जुर्माना लग सकता है और जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है। हालांकि रेलवे ने एक नियम ऐसा जरूर बनाया है। जब आपकी कंफर्म टिकट पर आपका कोई रिश्तेदार सफर कर सकता है।
इसके लिए नियम है कि आपके टिकट पर वहीं व्यक्ति सफर कर सकता है, जिससे आपका खून का रिश्ता हो। ऐसे टिकट पर यात्रा करने के लिए यह जरूरी है कि चीफ रिजर्वेशन अफसर का अप्रूवल हो, तभी यात्रा को वैलिड माना जाएगा। अन्यथा इस अपराध के लिए आपकों जुर्माना चुकाना पड़ सकता है या जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है।
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