अपनी मांगों को लेकर राज्य विद्युत परिषद प्राविधिक कर्मचारी संघ का चार दिवसयी अनशन शक्ति भवन पर शुरू

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State Electricity Council Technical Employees Union's four-day fast started at Shakti Bhawan regarding their demands.
"शक्ति भवन" लखनऊ के समक्ष प्रातः 10 बजे से सायं 05 बजे तक चार दिवसीय अनशन प्रारम्भ किया गया।

लखनऊ। अपनी मांगों को और प्रबंधन की तानाशाही रवैये के खिलाफ सोमवार से समस्त ऊर्जा निगमों के अंतर्गत तैनात टैक्नीशियन (टी.जी.2) कर्मियों का प्रतिनिधित्व करने वाले संघ यानि राज्य विद्युत परिषद प्राविधिक कर्मचारी संघ ने चार दिवसीय अनशन शक्ति भवन लखनऊ में शुरू किया।

मालूम हो कि ऊर्जा प्रबन्धन के तानाशाही रवैये व अन्यायपूर्ण नीति के विरोध में पूर्व प्रस्तावित 8 चरणों के प्रदेशव्यापी चरणबद्ध आंदोलन की नोटिस के अनुसार चौथे चरण आंदोलन में संघ की केंद्रीय कार्यकारिणी द्वारा समस्त ऊर्जा निगमों के मुख्यालय “शक्ति भवन” लखनऊ के समक्ष प्रातः 10 बजे से सायं 05 बजे तक चार दिवसीय अनशन प्रारम्भ किया गया।

ऊर्जा मंत्री के दखल के बाद वापस लिया था धरना

इस विषय में बात करते हुए संघ के केंद्रीय अध्यक्ष बृजेश कुमार त्रिपाठी ने बातया कि पूर्व में संघ द्वारा जारी प्रदेशव्यापी चरणबद्ध आंदोलन प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के दखल एवं संवर्ग की समस्याओं के शीघ्र समाधान किए जाने सम्बन्धी आश्वासन के बाद वापस लिया गया था परंतु ऊर्जा प्रबधन की हठधर्मिता व संवर्ग के प्रति घोर उदासीनता के परिणामस्वरूप तकनीकी कर्मचारियों मे अत्यंत रोष व्याप्त है। इस वजह से विवष होकर संघ द्वारा पुनः प्रदेशव्यापी चरणबद्ध आंदोलन प्रारम्भ किया गया है।

मुख्यमंत्री को दिया गया था ज्ञापन

अंदोलन के प्रथम चरण में दिनांक 11 अक्टूबर 2021 को संघ प्रतिनिधियों द्वारा प्रदेश के सभी 75 जिलो के जिलाधाकरियों के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन प्रस्तुत कर प्रभावी हस्तक्षेप करते हुए संवर्ग की समस्याओं का निवारण किए जाने की गई थी। उसके उपरांत आंदोलन के द्वितीय चरण में दिनांक 18 अक्टूबर 2021 को प्रदेश के समस्त जिला व परियोजना मुख्यालयों पर एक दिवसीय विरोध प्रदर्शन व अध्यक्ष उप्र पावर कारपोरेशन को सम्बोधित ज्ञापन प्रस्तुत किया गया था।

आंदोलन के तृतीय चरण में दिनांक 25 अक्टूबर 2021 को प्रदेश के हज़ारों तकनीकी कर्मियों द्वारा शक्ति भवन मुख्यालय पर एक दिवसीय विशाल विरोध प्रदर्शन किये जाने के बाद भी ऊर्जा प्रबन्धन द्वारा संवर्ग की समस्याओं के निवारण की दिशा में आज दिनांक तक कोई भी परिणामी आदेश जारी नहीं किये गए हैं।

संघ के केंद्रीय उपाध्यक्ष दीपक चक्रवर्ती ने बताया कि संघ विगत एक वर्ष से प्रदेश के टैक्नीशियन कर्मियों की मूलभूत मांगों व समस्याओं के समाधान हेतु प्रयासरत है जिसके क्रम में मा. ऊर्जा मंत्री द्वारा हस्तक्षेप किये जाने के उपरांत पूर्व में जारी आंदोलन स्थगित किया गया था।

जिसके बाद दो बार प्रबन्ध निदेशक उप्र पावर कारपोरेशन लि. की अध्यक्षता में ऊर्जा प्रबन्धन व संघ प्रतिनिधि मंडल के मध्य दिनांक 03.04.21, 17.08.21 व 25.10.21 को द्विपक्षीय वार्ताओं में संवर्ग की समस्याओं/ मांगों के सम्बंध में आम सहमति भी बनी थी। इसके अतिरिक्त शासन स्तर पर भी 29.07.2021, 12.08.2021, 5.09.2021, 20.10.2021 व 22.10.2021 को अपर मुख्य सचिव ऊर्जा, उत्तर प्रदेश शासन के साथ संघ प्रतिनिधियों की सम्पन्न वार्ताओं में भी उक्त मांगों/ समस्याओं के समाधान के सम्बंध में आम सहमति बनी है परंतु आज तक ऊर्जा प्रबन्धन द्वारा किसी भी समस्या के समाधान की दिशा में कोई परिणामी आदेश जारी नहीं किये जा सके हैं।

यह है संघ की प्रमुख मांगें

संघ के केंद्रीय संगठन सचिव धवन पाल ने बताया कि शीर्ष ऊर्जा प्रबन्धन द्वारा लगातार अपने तकनीकी कर्मियों की जायज मांगों/ समस्याओं यथा ग्रेड-पे विसंगति, आमेलन, बिना अतार्किक सेवा बाध्यता के प्रोन्नति, एक अग्रिम इंक्रीमेंट, पट्रोल भत्ता अनुमन्यता व उत्पादन निगम में प्रोन्नति कोटा पावर कारपोरेशन की अनुरूपता में बढ़ाया जाना आदि के प्रति लगातार उदासीनता दिखाई जा रही है। उनका कहना था कि प्रबन्धन का इस प्रकार का रवैया न तो कर्मचारी हित में है, न ही उद्योग हित में है और न ही प्रदेश हित में है।

मध्यांचल महासचिव शैलेन्द्र सिंह ने कहा कि संघ सदैव शांतिपूर्ण रूप से द्विपक्षीय वार्ता के माध्यम से संवर्ग की जायज मांगों/ समस्याओं का निवारण चाहता है परंतु प्रबंधन द्वारा विभिन्न द्विपक्षीय वार्ताओं उपरांत उनके द्वारा कार्यवृतों का क्रियान्वयन किये जाने की बजाय साल भर से परीक्षण के नाम पर जान-बूझ कर खानापूर्ति करते हुए संघ के ऊपर आंदोलन थोपा जा रहा है।

संघ के केंद्रीय महासचिव मौ. वसीम ने बताया कि प्रदेश के तकनीकी कर्मचारी विद्युत उपभोक्ताओं को निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने एवं प्रदेश सरकार की समस्त योजनाओं को आम उपभोक्ताओं तक क्रियान्वित किये जाने सम्बन्धी कार्य बगैर समुचित व आवश्यक संसाधनों के पूरी कर्तव्यनिष्ठा व ईमानदारी के साथ सम्पादित कर रहे हैं।

औद्योगिक अशांति की स्थिति उत्पन्न हो रही है

परंतु ऊर्जा प्रबन्धन की हठधर्मिता, अन्यायपूर्ण नीति व तकनीकी कर्मचारी-हितों के प्रति उसकी घोर उदासीनता के कारण लगातर टकराव व औद्योगिक अशांति की स्थिति उत्पन्न हो रही है। उन्होंने कहा कि दीपावली पर्व के दिन भी अनशन उपरान्त शक्ति भवन मुख्यालय पर 1001 दीप प्रज्वलित कर ऊर्जा प्रबन्धन के अंधकार रूपी अहंकार को समाप्त करने की कामना की जाएगी।

उन्होंने यह भी बताया कि यदि शीघ्र ही ऊर्जा प्रबन्धन द्वारा अपनी हठधर्मिता छोड़कर पूर्व में बनी सहमति के अनुसार परिणामी आदेश जारी नहीं किये जाते हैं तो आंदोलन के अग्रिम चरणों में दिनांक 08.11.2021 व 09.11.2021 को शक्ति भवन का दो दिवसीय घेराव किया जायेगा।आज सम्पन्न अनशन कार्यक्रम में संघ की केंद्रीय कार्यकारिणी द्वारा प्रतिभाग किया जिसमें मुख्य रूप से बृजेश कुमार त्रिपाठी, दीपक चक्रवर्ती, मो.वसीम, धवन पाल, चंचल तिवारी, रंजीत सिंह, शैलेन्द्र सिंह, अमितेश यादव व अन्य उपस्थित रहे।

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