इन अशुभ नंबरों से दुनिया भर के करोड़ों लोग खाते हैं खौफ! जानिए क्या है वजह..

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दुनिया के अलग-अलग देशों में कई ऐसी अनोखी परंपराएं प्रचलित हैं। जिन पर आश्चर्य होता है। इसी के तहत वे नंबर्स भी शामिल हैं, जिन्हें लोग अशुभ मानते हैं और उनसे बचने का प्रयास करते हैं।

नई दिल्ली। दुनिया के अलग-अलग देशों में कई ऐसी अनोखी परंपराएं प्रचलित हैं। जिन पर आश्चर्य होता है। इसी के तहत वे नंबर्स भी शामिल हैं, जिन्हें लोग अशुभ मानते हैं और उनसे बचने का प्रयास करते हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यदि उदाहरण की बात की जाए,

तो दुनिया का कथित तौर पर सबसे विकसित मुल्क ब्रिटेन में एक सामान्य परंपरा है कि यदि रोजाना सुबह 11.11 बजे ईसा मसीह से कोई प्रार्थना की जाए तो वह पूरी हो जाती है। हालांकि इस विश्वास का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। फिर भी लाखों लोग ठीक इसी समय अक्सर ऐसी विश मांगते देखे जा सकते हैं।

कुछ इसे विश्वास का नाम देते हैं तो कुछ लोग इसे अंधविश्वास भी बताते हैं। वहीं समाजविज्ञानियों के मुताबिक दुनियाभर में लोग कुछ खास चीजों में विश्वास रखने के साथ ही कुछ चीजों से बचने की भी कोशिश करते हैं। वे कई ऐसे नंबर्स से हमेशा परहेज करने का प्रयास करते हैं, जिन्हें अनलकी कहा जाता है।

आ​इए जा​नते हैं दुनिया में प्रचलित ऐसे ही अनलकी नंबरों के बारे में जिससे लोगों को लगता है भय।

13 नंबर से बचते हैं लोग

इस नंबर को दुनिया में सबसे ज्यादा अनलकी माना जाता है। ज्यादातर अपार्टमेंट में 13 वें नंबर की मंजिल नहीं होती। वहीं कई फ्लाइट में 13 नंबर की सीट तक नहीं रखी जाती। ऐसा क्यों है, इसके पीछे कई बातें प्रचलित हैं। Norse mythology के अनुसार,

13 वें अतिथि लोकी ने देवताओं की रात्रिभोज पार्टी को बर्बाद कर दुनिया को अंधेरे में डुबो दिया था। इसी क्रम में एक कहानी के मुताबिक यह अशुभ संख्या 13 बाइबिल से आई है। बताया जाता है कि बाइबल में यहूदा को द लास्ट सपर में बैठने वाला 13वां अतिथि कहा गया है।

4 नंबर चीन में माना जाता है अनलकी

मीडिया रिपोर्टृस के मुताबिक चीन में 4 नंबर को अशुभ (Unlucky Numbers) माना जाता है। इसका कारण ये है कि ‘फोर’ शब्द का उच्चारण चीनी भाषा के मौत के शब्द के समान है। यही कारण है कि चीन में कई बिल्डिंगों में तीसरी मंजिल के बाद सीधे पांचवी मंजिल आ जाती हैं। वहां सड़कों का नामकरण भी नंबर 4 रखने से बचा जाता है।

बताया जाता है कि वहां यदि किसी सड़क या बिल्डिंग में 4 नंबर का फ्लोर हो तो लोग वहां रहने से परहेज करते हैं। चीन के साथ ही कई मल्टीनेशनल कंपनियां भी 4 नंबर का इस्तेमाल करने से बचती हैं। वहीं जापानी कैमरा निर्माता कंपनी फूजी ने अपने सीरीज 3 प्रॉडक्ट के बाद सीरीज 4 को छोड़ दिया और सीधे सीरीज 5 को लॉन्च कर दिया।

17 नंबर इटली में माना जाता है अशुभ

इटली में 17 नंबर को अनलकी अथवा अशुभ माना जाता है। ऐसा पीछे वजह बताई जाती है कि रोमन नंबर XVII को रि-अरेंज करने पर ‘VIXI’ शब्द भी बनता है। जिसका लैटिन भाषा में अर्थ होता है कि ‘मेरी जिंदगी अब पूरी हुई।’

यही कारण है कि इटली के लोग 17 नंबर यानी हर महीने आने वाली 17 तारीख को पसंद नहीं करते हैं। बताया जाता है कि वे उस दिन अपनी दुकानें बंद कर देते हैं और किन्ही बुरी शक्तियों से बचने के लिए प्रार्थना करते हैं।

कई देश के लोग 536 नंबर से खाते हैं खौफ

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दुनिया में चीन समेत कई देशों में 536 नंबर को अनलकी माना जाता है। बताया जाता है कि वर्ष 536 ईस्वी में दुनिया में भीषण आपदा आई थी। उस दरम्यान एक रहस्यमयी कोहरे ने यूरोप, मध्य पूर्व और एशिया के कुछ हिस्सों को 18 महीने तक दिन-रात अंधेरे में डुबो दिया था।

उस साल दुनिया का तापमान 2.5 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया था। इससे लोगों को पिछले 2,300 वर्षों में सबसे ठंड का सामना करना पड़ा। वहीं चीन में उस साल गर्मियों में स्नो फॉल हुआ और फसलें नष्ट हो गई थीं। इसी वजह से दुनिया के करोड़ों लोगों को अनाज के संकट का सामना करना पड़ा था।

जापानी 9 नंबर को मानते हैं अनलकी

जापान में 9 नंबर को खराब दृष्टि से देखा जाता है। बताया जाता है कि अंग्रेजी में नाइन शब्द जापानी में बीमारी या मौत शब्द के आसपास जैसा लगता है। इसलिए जापान के लोग 9 नंबर का इस्तेमाल करने से बचने की कोशिश करते हैं। वहां पर न तो 9 नंबर की मंजिल होती है और न ही 9 नंबर की सड़कें या गाड़ियां लॉन्च की जाती हैं।

39 नंबर रखना अफगानिस्तान में है अशुभ

अफगानिस्तान में 39 नंबर को अशुभ माना जाता है। बताया जाता है कि वहां पर 39 नंबर का ट्रांसलेशन ‘morda-gow’ यानी मुर्दा गाय के रूप में लिया जाता है। वहां पर ‘morda-gow’ शब्द दलालों के लिए भी यूज किया जाता है। इसलिए लोग जहां तक संभव हो, 39 नंबर की सड़कें, मकान, गाड़ी या किसी भी चीज से बचने की कोशिश करते हैं।

अमेरिकी 666 नंबर को मानते हैं अनलकी

मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि अमेरिका समेत कई यूरोपीय देशों में 666 नंबर से परहेज किया जाता है। इसे वहां शुभ नहीं माना जाता है। बताया जाता है कि इस नंबर का संबंध बाइबल से है। माना जाता है कि बाइबल में John the Apostle ने 666 नंबर पैरा को ईसा मसीह का विरोध करने वालों का वर्णन किया है।

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