टिकरी बार्डर की किसान महिलाओं की मौत पर गहरा दुख व शोक

467
भारतीय किसान यूनियन

 

रोहतक। संयुक्त किसान मोर्चा ने टिकरी बार्डर पर आन्दोलन में शामिल तीन संघर्षशील किसान महिलाओं की आज बहादुरगढ़ मेंएक डंपर द्वारा कुचले जाने से असामयिक मौत होने पर गहरा अफसोस जताया है। ये किसान महिलाएं अपने घर वापस जाने के लिए रेलवे स्टेशन का ऑटो पकड़ने के लिए सड़क किनारे बैठी थी कि सवेरे किसी ने उन पर डम्फर चढ़ा दिया जिससे 50-55 वर्षीय अमरजीत कौर, गुरमेल कौर व छिन्दर कौर की वहीं मौके पर मौत हो गई और दो गंभीर रूप से घायल हो गई जिनमें से एक का इलाज पीजीआई रोहतक और दूसरी का इलाज बहादुरगढ़ में चल रहा है।

संयुक्त किसान मोर्चे की ओर से ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्यवान ने किसान महिलाओं की अकाल मौत पर गहरा दुख जताया है और उनके परिवारों के प्रति हार्दिक शोक संवेदनाएं प्रकट की है। उन्होंने कहा कि यह भीषण दुर्घटना किसान आन्दोलन पर एक वज्रपात जैसी है। भिन्न भिन्न हालात से जूझते हुए अब तक करीबन 700 किसान इस न्यायपूर्ण आन्दोलन में अपनी शहादत दे चुके हैं।

भारतीय किसान यूनियन

किसान नेता सत्यवान ने मांग की है कि इस घटना की गंभीरता के साथ इस नजरिए से जांच होनी चाहिए कि इसके पीछे कहीं कोई दुर्भावना तो नहीं थी। ये सभी मृतक व घायल महिलाएं भारतीय किसान यूनियन (उग्राहा) से जुड़ी थी और जिला मानसा में ब्लॉक भीखी के गांव खिवा दियालुवाला की निवासी थी। संगठन ने हरियाणा सरकार से सभी मृतकों के परिजनों को 50-50 लाख रूपये मुआवजा और घायलों को मुफ्त इलाज व पांच-पांच लाख रूपये मुआवजा देने और एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की गई है।

संगठन के नेता ने बहुत भारी मन से कहा कि 11 महीने बीत जाने पर भी भाजपा की मोदी सरकार ने किसानों से शत्रुता नहीं तजी है। इतनी मौतों के बावजूद इस सरकार का कलेजा शान्त नहीं हुआ है। सरकार यदि जल्द से जल्द तीन काले कृषि कानूनों व बिजली बिल 2021 को रद्द करने व एमएसपी पर फसलें खरीदने की कानूनी गारंटी देने की मांग को स्वीकार नहीं करती है तो न जाने कितने किसानों को और अपनी जानें देनी पड़ेगी। इतिहास इसे कदापि माफ नहीं करेंगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here