
नई दिल्ली। जेएनयू छात्र संघ से पहचान बनाने वाले पूर्व सीपीआई नेता कन्हैया कुमार और गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी मंगलवार को कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। आपकों बता दें कि कुछ दिन पहले ही में कन्हैया कुमार ने इस विषय में राहुल गांधी से मुलाकात की थी जिसके बाद से ही राजनीतिक गलियारे में अटकलें तेज हो गई थीं। अब सवाल यह है कि कन्हैया कुमार किस हद तक कांग्रेस के खांचे में फीट होकर पार्टी को धार देंगे, यह तो समय के गर्त में छीपा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस नेता राहुल गांधी दोनों युवा नेताओं को दोपहर करीब तीन बजे पार्टी की सदस्यता दिलाएंगे। इसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी। परंतु इसमें राहुल गांधी मौजूद रहेंगे या नहीं इस बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं मिली है।
मालूम हो कि कांग्रेस की सदस्यता लेने से पहले कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवानी मंगलवार दोपहर आईटीओ के पास स्थित शहीद पार्क में भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने जाएंगे। बहरहाल, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कन्हैया सिर्फ बिहार तक सीमित नहीं रहेंगे उन्हें पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर भी मैदान में उतार सकती है। बताया जा रहा है राहुल गांधी से पहले कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवानी ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर से भी मुलाकात की थी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, प्रशांत किशोर ने ही राहुल गांधी को राय दी थी कि पुराने नेताओं का असर अब पार्टी में समाप्त हो गया है, इसलिए युवाओं को मौका देना चाहिए।इसी को ध्यान में रखते हुए कन्हैया और जिग्नेश की कांग्रेस में एंट्री हो रही है। बता दें कि कन्हैया कुमार बीते डेढ़ सालों से राजनीति में कम सक्रिय हैं।
बिहार कांग्रेस के कई नेता मौन
कन्हैया कुमार के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों के बीच बिहार कांग्रेस के कई नेता शांत बैठे हुए है। बताया जा रहा है कई वरिष्ठ नेता कन्हैया के आने से अपनी वैल्यू कम होने की आशंका जता रहे हैं। इससे पहले कन्हैया कुमार ने जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेता अशोक चौधरी से भी मुलाकात की थी। लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला।
बेगूसराय से मिली थी हार
मालूम हो कि फरवरी में हैदराबाद में सीपीआई की अहम बैठक हुई थी। इसमें कन्हैया कुमार द्वारा पटना में की गई मारपीट की घटना को लेकर निंदा प्रस्ताव पास किया गया था। बैठक में पार्टी के 110 सदस्य मौजूद थे जिसमें तीन को छोड़कर बाकी सभी ने कन्हैया के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास करने का समर्थन किया था। इस घटनाक्रम के बाद कन्हैया की जदयू नेता से मुलाकात को अहम माना जा रहा था। कन्हैया बेगूसराय के रहने वाले हैं। उन्होंने 2019 में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के खिलाफ बेगूसराय से लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
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