स्पोर्टस डेस्क। पैरालिंपिक खेलों के महाकुंभ में भारत को एक और सिल्वर मेडल मिला यह बैडमिंटन में नोएडा के डीएम सुहास यथिराज ने दिलाया। सुहास एसएल-4 कैटगिरी के फाइनल मुकाबले में फ्रांस के खिलाड़ी लुकास मजूर से हार गए। फिर भी उन्होंने देश के सिल्वर मेडल अपने नाम किया। यह संघर्ष पूर्ण मुकाबला तीन सेट तक चला। सुहास ने पहला गेम 21-15 से जीता और इसके बाद दोनों गेम उन्हें हार का सामना करना पड़ा। लुकास मजूर ने आखिरी दोनों गेम 21-15, 17-21 से जीता।आपकों बता दें कि इससे पहले 11 वें दिन भारत के लिए बैडमिंटन में एसएल थ्री में प्रमोद भगत ने गोल्ड जीता। इस कैटगिरी में SL3मनोज सरकार ने बैडमिंटन में ब्रॉन्ज मेडल जीता।
Time for an exciting #ParaBadminton final!!
Suhas will take on #FRA Lucas Mazur in Men’s Singles SL4 Final in some time at #Tokyo2020
Stay tuned and send in your best wishes with #Cheer4India #Praise4Para #Paralympics pic.twitter.com/2zGVAsCAAm
— SAI Media (@Media_SAI) September 5, 2021
भारत ने 18 मेडल किए अपने नाम
देश के खिलाड़ियों ने टोक्यो में 17 मेडल भारत के नाम चुके हैं। अब तक 53 साल में 11 पैरालिंपिक्स में 12 मेडल आए। 1960 से पैरालिंपिक हो रहा है। भारत 1968 से पैरालिंपिक में भाग ले रहा है। वहीं 1976 और 1980 में भारत ने भाग नहीं लिया था। टोक्यो में अब तक 4 गोल्ड, 8 सिल्वर और 6 ब्रॉन्ज मेडल मिले हैं।
बैडमिंटन में 7 खिलाड़ी गए, 3 ने जीता मेडल
पैरालिंपिक में पहली बार बैडमिंटन को शामिल किया गया है। भारत से सात खिलाड़ी चुनौती पेश करने गए थे, इनमें से 6 खिलाड़ी विभिन्न कैटेगरी के सेमीफाइनल में पहुंचे। वहीं तीन खिलाड़ी फाइनल में पहुंचे। नोएडा के डीएम सुहास यथिराज, प्रमोद भगत और कृष्णा नागर अपने-अपने कैटगिरी के फाइनल में पहुंचे।
2007 में बने IAS अधिकारी
सुहास ने भले ही बैंगलोर में नौकरी शुरू कर ली हो, लेकिन बार-बार उनके दिल में यही मलाल रहा कि उन्होंने अपने जीवन में समाज के लिए कुछ नहीं किया तो क्या फायदा। उन्होंने UPSC की तैयारी शुरू की। 2005 में पिता की मौत के बाद सुहास टूट गए, लेकिन फिर भी उन्होंने खुद को संभाला और मन लगाकर UPSC की तैयारी की।
इन जिलों में दें चुके है सेवाएं
साल 2007 में सुहास UP कैडर से IAS अधिकारी बने उनकी पहली पोस्टिंग आगरा फिर जौनपुर, सोनभद्र, आजमगढ़. हाथरस, महाराजगंज, प्रयागराज और गौतमबुद्धनगर के जिलाधिकारी बने। अपनी ड्यूटी खत्म होने के बाद सुहास टाइम निकालकर बैडमिंडन खेलने जाया करते थे। धीरे-धीरे उन्होंने प्रोफेशनल तरीके से बैडमिंटन खेलना शुरू किया। 2016 में सुहास ने इंटरनेशनल मैच खेलना शुरू किया।
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Final result: R6- Mixed 50m Rifle Prone SH1 event #AvaniLekhara: Final Score- 612; Rank- 28 #SidharataBabu: Final Score- 617.2; Rank- 9#DeepakSaini: Final Score- 602.2; Rank- 46#Cheer4India #Praise4Para #AbJeetegaIndia
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