कानपुर। यूपी के कानपुर में दो साल पहले हुए बिकरू कांड के मुख्य आरोपितों को तो पुलिस ने तत्काल मार गिराया था। अब उसके एक— एक सहयोगी को चुन चुनकर उन पर कार्रवाई की जा रही है। इस क्रम में विकास दुबे के सहयोगी और खजांची रहे जयकांत बाजपेई और प्रशांत शुक्ला उर्फ डब्बू पर डीएम की संस्तुति के बाद एनएसए की कार्रवाई की गई। जिला प्रशासन ने इससे पहले तीन अन्य आरोपियों के खिलाफ एनएसए की कार्रवाई कर चुका है।
माफिया विकास दुबे के करीबी जयकांत बाजपेई ने बिकरू कांड से पहले माफिया आरोपितों तक रुपये और कारतूस पहुंचाएं थे। जांच में यह बात सामने आने पर ही बिकरू कांड में पुलिस ने इसका नाम शामिल किया था। पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि जयकांत बाजपेई को मालूम था कि विकास दुबे पुलिस के खिलाफ एक बड़ी साजिश रच रहा है। इसके बाद भी उसने पुलिस को इसकी जानकारी नहीं दी थी। बल्कि उसे रुपए और कारतूस उपलब्ध कराया था। कांड के बाद भी विकास दुबे की मदद के लिए गाड़ी और रुपए लेकर जाने से पहले ही पुलिस ने उसे दबोच लिया था। पुलिस ने रिपोर्ट में कहा है कि जयकांत बाजपेई की इस मदद के कारण बिकरू कांड हुआ। इसके अलावा प्रशांत शुक्ला उर्फ डब्बू भी इस कांड में शामिल रहा था।
अब तक इन पर लगा एनएसए
बिकरू कांड के दोनों आरोपियों के खिलाफ एनएसए की कार्रवाई के लिए कानपुर आउटर के चौबेपुर थाने से रिपोर्ट तैयार कर डीएम के सामने प्रस्तुत की गई थी। डीएम की संस्तुति के बाद जेल में जय और डब्बू उर्फ प्रशांत के खिलाफ एनएसए तामील करा दिया गया। इससे पहले इस कांड में बब्लू मुसलमान, हीरू दुबे और शिवम उर्फ दलाल के खिलाफ पुलिस एनएसए की कार्रवाई हो चुकी है।
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