हरियाणा। डीके पंडा के बाद एक और पुलिस अधिकारी भगवान श्रीकृष्ण की सेवा के लिए नौकरी को छोड़ना चाहती है। और इस अधिकारी का नाम है भारती अरोड़ा। भारतीय अरोड़ा भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति करने के लिए VRS मांगा है। वो मीरा बनकर भगवान श्रीकृष्ण की सेवा करना चाहती हैं। अपनी 23 साल की सर्विस में लगातार सुर्खियां बटोरने वाली भारती अंबाला रेंज में पुलिस महानिरीक्षक के रूप में तैनात हैं। उनका कहना है कि वो अपना शेष जीवन भगवान श्रीकृष्ण की सेवा में समर्पित करना चाहती हैं। उन्होंने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति मांगी है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारती ने पुलिस महानिदेशक मनोज यादव के माध्यम से मुख्य सचिव विजय वर्धन को पत्र भेजा है। इस पत्र में उन्होंने लिखा है, “मैं 50 साल की उम्र में स्वेच्छा से अखिल भारतीय सेवा नियम 1958 के तहत 1 अगस्त, 2021 से सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन प्रस्तुत करती हूं। भारती ने कहा कि अब वह अपने जीवन के अंतिम लक्ष्य को प्राप्त करना चाहती हैं। वह गुरु नानक देव, चैतन्य महाप्रभु, कबीरदास, तुलसीदास, सूरदास और मीराबाई जैसे सूफी और पवित्र संतों के दिखाए गए मार्ग पर चलकर अपना बाकी जीवन भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में समर्पित करना चाहती हैं। भारती ने कहा कि उन्होंने हमेशा अपनी सेवा को अपने गौरव और जुनून के रूप में लिया, लेकिन अब वॉलेंटरी रिटायरमेंट चाहती हैं।
भारती अरोड़ा एक ताकतवर अफसर
आपकों बता दें कि भारती अरोड़ा 1998 बैच की IPS अफसर हैं। उन्होंने 2007 समझौता एक्सप्रेस ट्रेन विस्फोट मामले के दौरान पुलिस अधीक्षक (रेलवे) के रूप में अपना काम संभाला था। उन्होंने अंबाला के पुलिस अधीक्षक के रूप में साल 2009 में तत्कालीन भाजपा विधायक अनिल विज को गिरफ्तार किया था। यहीं से वो सुर्खियों में आई थीं। अनिल विज फिलहाल राज्य सरकार में मंत्री हैं। इसके बाद 2015 में भारती का उनके वरिष्ठ सहयोगी नवदीप सिंह विर्क के साथ विवाद हो गया था। इस मामले के चलते भी वो काफी समय तक चर्चा में रहीं थी। भारती ने विर्क पर बलात्कार के एक मामले की जांच में बाधा डालने और उन्हें धमकाने का आरोप लगाया था।
डीके पंडा ने भी छोड़ी थी नौकरी
आईजी डीके पांडा मूल रूप से ओडिशा के रहने वाले हैं। उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस अधिकारी देवेंद्र किशोर पांडा उर्फ डीके पांडा की 2005 की यह हरकत कोई अपवाद नहीं थी। उस दौरान खुद को दूसरी राधा और कृष्ण की प्रेमिका घोषित करते हुए पांडा ने अपने महिला होने की घोषणा कर दी थी। पूर्व आईजी पांडा का कहना था कि वह तो 1991 में उसी दिन राधा बन गए थे, जब एक बार उनके सपने में भगवान श्रीकृष्ण ने आकर कहा कि वह पांडा नहीं बल्कि उनकी राधा हैं, उनकी प्रेमिका। 1991 से 2005 तक पांडा का राधा रूप चोरी छुपे चलता रहा। 2005 के बाद पांडा ने अपने हावभाव और परिधान को सार्वजनिक कर दिया। पूर्व आईजी के इस रूप में आने के बाद वह मीडिया की सुर्खियों में खूब छाए रहे।
पूर्व आईजी की पहचान थी सोलह श्रृंगार
आईजी डीके पांडा के दूसरी राधा का रूप जग जाहिर है। वह एक नवविवाहिता की तरह श्रृंगार करते थे। मांग में सिंदूर, माथे पर बड़ी-सी बिंदी, हाथों में मेंहदी, कोहनी तक रंग बिरंगी चूड़ियां, कानों में बालियां और नाक में नथुनी, पीला-सलवार कुर्ता, पैरों में घुंघरु और हर पल कृष्णभक्ति में भजन व नृत्य यही उनकी पहचान थी।