लखनऊ। आज लखनऊ के घंटाघर (जहाँ 2020 में CAA-NRC के खिलाफ ऐतिहासिक संघर्ष हुआ था और शाहीन बाग बनाया गया था) व हुसैनाबाद क्षेत्र में “फासिस्ट बीजेपी को हराओ,लोकतंत्र बचाओ मंच” के अभियान में कई नुक्कड़ सभाएं आयोजित की गईं तथा घर घर सघन जनसंपर्क किया गया। साथियों ने बीजेपी हराओ, लोकतंत्र बचाओ मंच के जन घोषणापत्र के साथ साथ एस के एम का पर्चा “बीजेपी को चुनाव में सजा दो” का भी जनता के बीच वितरण किया।अभियान में मेहरुन्निसा, अरविंद,विकास, तुहिन, विमल, उमाकांत,अज़रा मोबिन,इमदाद ईमान, नगमा,शबी फ़ातिमा रिज़वी,अनीस अतुल समेत कई जनवाद पसंद अमन पसंद नागरिक शामिल थे।
लखनऊ के घंटाघर के विख्यात शाहीन बाग आंदोलन में सक्रिय रहीं अज़रा मोबिन ने अपने वक्तव्य में उत्तर प्रदेश में योगी राज में महिलाओं, खासतौर पर दलित,अल्पसंख्यक व गरीब महिलाओं के असहनीय उत्पीड़न व पितृसत्तात्मक जातिवादी हिंसा का जीवंत चित्रण किया।हाथरस, उन्नाव से लेकर गोहरी प्रयागराज तक सिर्फ और सिर्फ महिलाओं की चीखें ही प्रदेशवासी सुनते रहे। अभी भी हिजाब पर प्रतिबंध को लेकर कर्नाटक से मध्यप्रदेश तक जो भी हो रहा है वह केवल उत्तरप्रदेश समेत पांचों राज्यों में चुनाव जीतने की और नफ़रत आधारित धार्मिक ध्रुवीकरण का उत्कट प्रयास है।
कोरोना काल में गरीबी बढ़ी
आरएसएस के वैचारिक नेतृत्व वाली बीजेपी न सिर्फ अल्पसंख्यक बल्कि दलित,आदिवासी, महिलाओं, युवाओं, विद्यार्थियों ,किसानों, मज़दूरों समेत तमाम मेहनतकश देशभक्त जनता की शत्रु है।ये देश शहीद भगत सिंह, अशफ़ाक़ुल्ला व बिस्मिल की साझी शहादत -साझी विरासत का देश है जहाँ अंग्रेजों के दलाल संघी फासीवादियों की कोई जगह नहीं है।शबी फ़ातिमा रिज़वी ने कहा कि बीजेपी ने सिवाय नफ़रत फैलाने के,कोई भी विकास नहीं किया।आज पूरे देश मे महिलाएं, सबसे ज्यादा असुरक्षित उत्तरप्रदेश में हैं।
कोरोना काल में गरीबी इतनी बढ़ी की लाशें गंगा में तैरती नज़र आई और योगीजी मौतों को छुपाते नज़र आये।अचानक लॉक डाउन लगने से प्रवासी मज़दूर कीड़े मकोड़ों की तरह मरते मरते लौटे।न तो चाकरी मिली और न ही राशन।अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान संगठन(AIKKS) उत्तरप्रदेश सचिव कॉमरेड विमल ने संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान की उत्तरप्रदेश चुनाव में बीजेपी को सबक सिखाना क्यों जरूरी है बताया।साथियों के लगाए नारे” लखीमपुर खीरी के शहीद किसानों को मत भूलो ,बीजेपी को हराओ।संविधान, लोकतंत्र ,प्रदेश व देश को बचाना है तो फासिस्ट आरएसएस-बीजेपी को हराओ” से आसमान गूंजता रहा।घंटाघर में पुलिस ने आकर नुक्कड़ सभा के बीच में रोकने की कोशिश की मगर जनता ने उनकी नहीं सुनी।
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