नई दिल्ली। यूपी विधान सभा चुनाव में तोड़फोड़ का क्रम अभी जारी है। भाजपा लगातार सपा को झटके पर झटका दिए जा रही है। पहले अखिलेश यादव के घर में सेंध लगाई अब बारी-बारी से उसके जीते हुए विधायकों को अपने पाले में करने जुटी है। पहले झांसी के दो विधायकों को अपने पाले में किया अब अंबेडकर नगर से सपा के लिए सीट जीतने वाले सुभाष राय ने साइकिल की सवारी छोड़ दी, साथ ही भगवा झंडा फहराने के लिए मैदान में सपा से लड़ेंगे। बीजेपी के नईदिल्ली मुख्यालय में भाजपा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह के साथ डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य तथा डॉ. दिनेश शर्मा ने समाजवादी पार्टी के विधायक सुभाष राय को भाजपा की सदस्यता दिला दी।
मालूम हो कि अंबेडकरनगर में अभी तक बसपा का प्रभाव रहा है। ऐसे मे समाजवादी पार्टी की सेंध के बीच में बीजेपी ने उसका एक बड़ा विकेट गिराया है। अम्बेडकरनगर जिले के जलालपुर से समाजवादी पार्टी के विधायक सुभाष राय ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। इस मौके पर सुभाष राय ने समाजवादी पार्टी पर हमला बोला।
उपचुनाव में बने थे विधायक
नई दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के मुख्यालय में भाजपा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह के साथ डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य तथा डा. दिनेश शर्मा ने समाजवादी पार्टी के विधायक सुभाष राय को भाजपा की सदस्यता दिलाई। भाजपा युवा मोर्चा के नेता रहे सुभाष राय की यह घर वापसी हुई है। भाजपा मुख्यालय में उत्तर प्रदेश के दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व डा. दिनेश शर्मा के साथ भाजपा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और भाजपा मीडिया विभाग के प्रभारी अनिल बलूनी की मौजूदगी में सुभाष राय ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।
सुभाष राय ने अम्बेडकरनगर के जलालपुर विधानसभा उप चुनाव में जीत दर्ज की थी। यहां से 2017 में बसपा के रीतेश पाण्डेय ने विधानसभा का चुनाव जीता था। इसके बाद रीतेश पाण्डेय 2019 में बसपा से ही लोकसभा का चुनाव जीते। इसके बाद जलालापुर सीट पर हुए उपचुनाव में सुभाष राय सपा के टिकट पर विधायक निर्वाचित हुए थे। रीतेश पाण्डेय के पिता अम्बेडकरनगर से पूर्व सांसद राकेश पाण्डेय के समाजवादी पार्टी में शामिल होने के बाद से ही सुभाष राय ने घर वापसी का मन बना लिया था। राकेश पाण्डेय 2002 में जलालपुर से बसपा से विधायक थे और माना जा रहा है कि इस बार सपा उनको जलालपुर से चुनाव लड़ाएगी।
भाजपा में शामिल होने के बाद सुभाष राय ने कहा कि मैंने भाजपा की नीतियों ने प्रभावित होकर पार्टी की सदस्यता ली है। समाजवादी पार्टी में तो नेता तथा कार्यकर्ता का सम्मान नहीं होता है। सपा को अपने कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड देना चाहिए।
2002से सक्रिय है सुभाष राय
2019 में हुए मध्यावधि चुनाव में जलालपुर से सपा के टिकट पर पहली बार विधायक बने सुभाष राय ने राजनीति की शुरुआत नब्बे के दशक में भाजपा से की थी। राज्य स्तरीय पहलवान सुभाष शुरुआत में भाजपा से दो बार जिला पंचायत सदस्य रहे। इसके बाद 2002 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में शामिल हो गए और जलालपुर से विधायकी का चुनाव लड़ा, लेकिन सफलता नहीं मिली। कुछ सालों तक कांग्रेस में रहने के बाद 2007 के विधानसभा चुनाव से पहले सपा में शामिल हो गए। सन 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में जलालपुर सीट से विधायक बने रितेश पांडेय के 2019 में सांसद बनने से खाली हुई सीट पर इसी साल हुए मध्यावधि चुनाव में सुभाष राय ने सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और बसपा से पूर्व मंत्री लालजी वर्मा की बेटी छाया वर्मा को शिकस्त दी।
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