लखनऊ। यूपी विधान सभा चुनाव में शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के बीच हुए गठबंधन के बाद आज सपा मुखिया ने चाचा को जसवंत नगर सीट से मैदान में उतारा है। मालूम हो कि शिवपाल यादव अभी तक जसवंत नगर सीट से ही चुनाव लड़ते आ रहे है। शिवपाल जसवंतनगर से अब तक पांच बार चुनाव जीत चुके हैं। यह सीट मुलायम परिवार का गढ़ मानी जाती है। खुद मुलायम सिंह यादव यहां से सात बार जीत चुके हैं। शिवपाल समर्थकों को उम्मीद है कि अभी सपा से तीन लोगों को और सिंबल मिलने की गुंजाइश है। इसके लिए शिवपाल सपा प्रमुख अखिलेश यादव के संपर्क में हैं।
मुलायम सिंह से शिवपाल ने की मुलाकात
आपकों बता दें कि इससे पहले मंगलवार को पांच साल बाद शिवपाल लखनऊ में सपा कार्यालय पहुंचे और अखिलेश यादव से मुलाकात की थी। बैठक के बाद में शिवपाल ने दावा किया था कि समाजवादी पार्टी और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी मिलकर चुनाव लड़ने जा रही है।
शिवपाल ने यह भी कहा था कि टिकटों का फैसला अखिलेश यादव पर छोड़ दिया है। अखिलेश हमारे नेता हैं। शिवपाल का कहना है कि वह साइकिल चुनाव चिन्ह पर ही अपने प्रत्याशी उतारेंगे। उनकी पार्टी को नया चिन्ह मिला है और इसके बारे में जनता को बताने के लिए पर्याप्त वक्त नहीं है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ ही यादव बाहुल्य सीटों पर शिवपाल यादव की अच्छी पैठ है। इनके साथ आने से सपा के आधार वोट बैंक का बिखराव रुकने की उम्मीद है। कुल मिलाकर चाचा के सामने भतीजे को सीएम की कुर्सी तक ले जाने की बड़ी चुनौती है।पिछले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ही सपा में बिखराव हुआ था। शिवपाल यादव ने अलग पार्टी बना ली थी। इसका खामियाजा चाचा-भतीजा दोनों को उठाना पड़ा था। लोकसभा चुनाव में भी दोनों पार्टियों को झटका लगा था।
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