यूपी चुनाव: सीएम योगी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे चंद्रशेखर, गोरखपुर सीट से ही ठोकी ताल

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SP raises objection to opinion poll, demands ban from Election Commission
टीवी चैनलों पर दिखाए जा रहे ओपिनियन पोल पर आपत्ति जताते हुए रोक लगाने की मांग की है।

गोरखपुर। यूपी की राजनीति में रोज नया धमाका हो रहा हैं, कही कोई दल बदल रहा है तो कही कोई सीट के लिए विद्रोह कर रहा है। इस क्रम में अकेले हो चुके चंंद्रशेखर उर्फ रावण ने एक और धमाका कर डाला जोश में सीएम योगी के खिलाफ चुनाव लड़ने का एलान कर दिया। मालूम हो कि सीएम योगी अपने शहर की सीट से मैदान में उतरे हुए है। आजाद समाज पार्टी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद गोरखपुर शहर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने गुरुवार का इकसा ऐलान कर दिया। सीएम के गोरखपुर सदर सीट से उतरने से वर्तमान विधायक डॉ राधा मोहन दास अग्रवाल का टिकट कट गया है। चंद्रशेखर आजाद ने प्रेस कांफ्रेंस करके एलान किया कि वे यूपी में अकेले दम पर चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि हम परिवर्तन की लड़ाई लड़ रहे हैं।

दलितों के लिए लड़ते है चंद्रशेखर

छुटमलपुर के पास स्थित गांव घड़कोली के रहने वाले चंद्रशेखर आजाद ने एलएलबी की पढ़ाई देहरादून से की है। वर्ष 2015 में भीम आर्मी भारत एकता मिशन का गठन किया गया था, जिसके वह संस्थापक हैं। मई 2017 में जब शब्बीरपुर गांव में जातीय हिंसा हुई तो भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन कर सुर्खियां बटोरीं थीं।

जेल से रिहा होने के बाद चंद्रशेखर ने मिशन जारी रखा और दलितों के खिलाफ होने वाले मामलों को लेकर लड़ाई जारी रखी है। हाथरस की बिटिया से दरिंदगी के मामले से लेकर राजस्थान और हरियाणा में हुई घटनाओं के विरोध में भी प्रदर्शन किए। इसके अलावा दिल्ली में संत रविदास मंदिर हटाने से रोकने को लेकर भी आंदोलन किया।

भाजपा का गढ़ है गोरखपुर

आपकों बता दें कि शहर विधानसभा क्षेत्र को भाजपा का गढ़ कहा जाता है। यह सीट पिछले 33 वर्षों से भाजपा के पास है। 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा व कांग्रेस का गठबंधन हुआ था। दोनों दलों ने मिलकर राहुल राणा सिंह को संयुक्त प्रत्याशी बनाया था। लगा था कि चुनाव रोचक और जोरदार होगा, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। नतीजे चौंकाने वाले आए। भाजपा प्रत्याशी को 1,22,221 वोट मिले, जबकि सपा-कांग्रेस के प्रत्याशी को 61,491 वोट ही मिल सके। भाजपा के डॉ आरएमडी अग्रवाल को 60,730 वोटों के अंतर से जीत मिल गई। यही नहीं, 2012 के मुकाबले 2017 के विधानसभा चुनाव में ज्यादा बड़ी जीत मिली। जीत का अंतर भी बढ़ गया।

भड़ाना मैदान से हटे

गुरुवार को सपा —आरएलडी गठबंधन को उस समय झटका लगा जब उनके प्रत्याशी अवतार सिंह भड़ाना नामांकन के बाद अपना पर्चा वापस ले लिया। मालूम हो कि भड़ाना ने बीजेपी छोड़ते हुए आरएलडी की सदस्यता ग्रहण की थी, वह गुर्जर को कम तवज्जों देने से नाराज बताए जा रहे थें गठबंधन के टिकट पर नोएडा की जेवर विधानसभा सीट से प्रत्याशी रहे अवतार सिंह भड़ाना ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। अवतान ने तीन दिन पहले ही नामांकन कराया था और दो दिन पहले वह कोरोना संक्रमित हो गए। भड़ाना के वकील ने ये जानकारी दी। भड़ाना कुछ दिन पहले ही भाजपा छोड़कर आरएलडी में गए थे।

निर्भया वकील रहीं सीमा बसपा में शामिल

2012 के निर्भया गैंगरेप केस में वकील रहीं सीमा कुशवाहा ने गुरुवार को लखनऊ में बहुजन समाज पार्टी की सदस्यता ली।

सपा और कांग्रेस को झटका

समाजवादी पार्टी और कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। अपर्णा यादव के बाद अब समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह के साढ़ू प्रमोद कुमार गुप्ता ने भी भाजपा का दामन थाम लिया है। प्रमोद औरैया के बिधूना विधानसभा सीट से पूर्व विधायक भी हैं। वहीं, महिला कांग्रेस की प्रदेश उपाध्यक्ष प्रियंका मौर्या ने भी भाजपा जॉइन कर ली। प्रियंका ही कांग्रेस की लड़की हूं लड़ सकती हूं पोस्टर का मुख्य चेहरा थीं। उन्होंने कांग्रेस पर टिकट लेकर पैसे देने का आरोप लगाया था।

अदिति सिंह ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा

भाजपा में शामिल होने के बाद रायबरेली सदर सीट से विधायक अदिति सिंह ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। अदिति सिंह रायबरेली की सदर सीट से विधायक रही हैं और अब वह भाजपा में शामिल हो चुकी हैं

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