लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ स्थित लोकबन्धु राजनारायण के लोग ट्रस्ट/प्रकाशन कार्यालय में लोकबन्धु की 104वीं जयंती मनाई गई। कार्यक्रम में संस्था के अध्यक्ष शाहनवाज़ क़ादरी ने कहा कि देश के मौजूदा हालात जिस तरह बनते जा रहे या यूं कहा जाये कि केन्द्र सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए समाज में विद्वेष,
असिहष्णुता व धार्मिक अराजकता पैदा कर रही है। इससे देश की जनतंत्रीय व्यवस्था व संविधान पदत्त ‘सर्वधर्म समभाव्’ की भावना कमज़ोर हो रही है, जोकि देशहित में नहीं है। कादरी ने कहा कि मौजूदा हालात में स्व. लोकबन्धु राजनारायण की विचारधारा व उनके बताये समाजवादी संघर्ष ही एकमात्र विकल्प है,
जो मौजूदा हालात में देश की बिगड़ती हुई सामाजिक संरचना को रास्ते पर ला सकती है। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष शाहनवाज़ अहमद क़ादरी ने की। कार्यक्रम में वसीम हैदर(सीनियर लीडर), मोहम्मद क़मर(एडवोकेट), सैय्यद सिराज अहमद (एडवोकेट), वसीम सिद्दीकी (एडवोकेट),
सैय्यद सुल्तान आसिफ़ अली, श्री सैय्यद जुनैद अशरफ़, श्री नैय्यर एहतेशाम, श्री मोहम्मद फैज़ान, श्री नदीम सिद्दीकी, मोहम्मद परवेज अंसारी, मोहम्मद फरहान, अमित श्रीवास्तव, वरिष्ठ पत्रकार मोहम्मद रिज़वान नदवी, वरिष्ठ पत्रकार किफ़ायतउल्ला खान नदवी, वरिष्ठ पत्रकार नैय्यर-ए-आज़म,
सैय्यद अयाज़, सैय्यद सलमान, मिश्री लाल वर्मा एवं फर्रूख हसन ने राजनारायण के जीवन से सबक लेते हुए साम्प्रदायिक ताकतों को हटाने का संकल्प लेने का आह्नन किया। देश रहेगा, तभी वाद रहेगा तभी जात रहेगी तभी धर्म रहेगा। इसलिए राजनाराय के सिद्धांतो पर चलना ही राजनारायण जी के लिए सच्ची श्रद्धाजंलि होगी।
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