लखनऊ। भारतीय स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में अमृत महोत्सव आयोजन समिति लखनऊ दक्षिण जिले में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन करने जा रही है। समिति के संयोजक डा.कमलेश गुप्ता ने बताया कि भारत की स्वतंत्रता के लिए अनगिनत वीरों ने बलिदान दिया,
लेकिन तत्कालीन अंग्रेज़ इतिहासकारों ने बहुत सारे मिथक हमारे सामने रखे जिसके कारण समाज में जो विमर्श बना, वह अत्यंत भ्रामक एवं असत्य है । हमें सही इतिहास समाज के सामने लाना चाहिए । 15 अगस्त 1947 को जब हमें स्वतंत्रता प्राप्त हुई तो विश्व की प्राचीनतम सभ्यता नए रूप में सामने आयी।
लेकिन विघटनकारी और सत्ता लोलुप शक्तियों के चलते प्रकृति निर्मित अखंडित भारत भूमि खंडित हो गई । स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने का यह वर्ष हमारे लिए सिंहावलोकन का अवसर है। ब्रिटिश उपनिवेशवाद का स्वरूप, प्रक्रिया ,संरचना कैसी थी ?
भारतीय समाज ने किस प्रकार इसका उत्तर दिया तथा स्वराज की संकल्पना जिसमें राजनैतिक स्वतंत्रता के साथ साथ स्वधर्म ,स्वभाषा, स्वदेशी का भाव कैसा था, इसका स्मरण करने का अवसर है। हज़ारों ऐसे भी अज्ञात ,गुमनाम क्रांतिकारी ,हुतात्मा जिन्हें इतिहास के पृष्ठों में उचित स्थान नहीं मिला, को भी स्मरण करने का अमृत अवसर है।
ऐसे तो 15 अगस्त 2022 तक अमृत महोत्सव के विभिन्न कार्यक्रम चलने वाले हैं परन्तु महारानी लक्ष्मीबाई के जन्मदिवस 19 नवंबर से 16 दिसंबर विजय दिवस (1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत की तिथि ) तक विशेष कार्यक्रमों का आयोजन समिति द्वारा किया जा है।
19 नवंबर को लखनऊ दक्षिण जिला के सभी 11 नगरों में उद्घाटन के कार्यक्रम होंगे। संवाद नगर का कार्यक्रम 19 नवम्बर को अपराह्न 02 बजे विश्व संवाद केन्द्र के अधीश सभागार में होगा।
इसे भी पढ़ें..