लखनऊ। यूपी के राजनीति में हिन्दूओं को साधने के फेर में जहां अखिलेश यादव समेत तमाम विपक्षी नेता मंदिरों में जाकर अपने को हिन्दूओं को हितैषी होने का दावा कर रहे है। वहीं शारदीय नवरात्र के आखिरी के महानवमी को रामनवमी लिखकर बधाई देने के बाद सपा के मुखिया अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता आनंद शर्मा सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रहे है। सोशल मीडिया पर फजीहत होने के आधे घंटे बाद ट्वीट को डिलीट कराकर दूसरा ट्वीट कराया गया। वहीं, कांग्रेस नेता ने भी रामनवमी की बधाई दे दी। हालांकि, उन्होंने बाद में उसे ही संशोधित करा दिया।
‘महानवमी’ पर ‘रामनवमी’ की बधाई देते ही ट्विटर ट्रोलर्स अखिलेश यादव के पीछे ही पड़ गए। हालांकि, सोशल मीडिया में फजीहत होने के बाद अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट को हटा दिया। फिर आधे घंटे के अंदर नया पोस्ट हुआ। जिसमें लिखा गया – ‘आपको और आपके परिवार को महानवमी की अनंत मंगलकामनाएं!’अखिलेश यादव की तरह ही कांग्रेस के नेता आनंद शर्मा ने भी आज रामनवमी की बधाई दे दी। ट्रोल होने के बाद आनंद शर्मा ने भी ट्वीट संशोधित किया।
बीजेपी का बयान: अपनी ‘टोपी’ जनता को मत पहनाएं
अखिलेश यादव के ट्वीट पर यूपी भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी। भाजपा यूपी हैंडल से ट्वीट किया गया- ‘जिस अखिलेश यादव को यह तक नहीं पता कि रामनवमी और महानवमी में क्या अंतर है, वो राम और परशुराम की बात करते हैं। जनता को मत पहनाओ टोपी, वह आप पर ज्यादा अच्छी लगती है।वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने तंज कसा। कैलाश विजयवर्गीय ने कहा- हे राम, अपने आप को हिंदू कहने वाले इन लोगों को रामनवमी और महानवमी में फर्क ही नहीं पता। भगवान राम इन्हें सद्-बुद्धि दें।
यह है फर्क रामनवमी और महानवमी में
भाजपा नेता अमित मालवीय ने कहा कि रामनवमी पर्व चैत्र मास में मनाया जाता है। शारदीय नवरात्रि में महानवमी होती है, जो मां दुर्गा की आराधना का दिन है। इसके बाद दशहरा आता है। उन्होंने कहा कि यही होता है, जब कारसेवकों पर गोली चलाने वाले, चुनाव आते ही हिंदू बनने का ढोंग करने लगते हैं।