# देश की साझी शहादत – साझी विरासत जिंदाबाद साम्प्रदायिकता मुर्दाबाद, इंक़लाब ज़िंदाबाद काकोरी कांड के शहीद अमर रहें आदि नारे लगाए गए।
19 दिसम्बर 2024, प्रयागराज । शहीद रामप्रसाद बिस्मिल, अशफ़ाकउल्ला खान, रोशन सिंह, और राजेंद्र नाथ लाहिड़ी को काकोरी कांड के आरोप में 17 और 19 दिसंबर को अंग्रेज हुकूमत ने फांसी पर चढ़ा दिया था। 19 दिसंबर को मलका जेल में शहीद रोशन सिंह को इलाहाबाद शहर में ही फांसी दी गई थी। देश की साझी शहादत की विरासत को याद करते हुए अधिवक्ता मंच की ओर से विगत सालों की तरह इस साल भी आज 19 दिसंबर को दोपहर 1 बजे अधिवक्ता साथी स्वरूप रानी अस्पताल स्थित शहीद रोशन सिंह की प्रतिमा स्थल तक पहुंचे और सेवानिवृत्त शिक्षक राज कुमार जी ने शहीद रोशन सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण करके श्रद्धांजलि कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके बाद सभी अधिवक्ताओं ने शहीद रोशन सिंह की प्रतिमा पर पुष्पार्पण किया। इस दौरान हुई सभा को संबोधित करते हुए अधिवक्ता मंच के संयोजक राजवेन्द्र सिंह ने देश की आज़ादी के लिए कुर्बानी देने वाले नौजवानों की विरासत का जिक्र करते हुए राम प्रसाद विस्मिल और अशफ़ाक़ उल्ला खान की दोस्ती और काकोरी कांड के घटना क्रम पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि देश आज जहां पर खड़ा है उनकी नींव में राम प्रसाद बिस्मिल और अशफ़ाक़ उल्ला खान जैसे नौजवानों की शहादतें हैं और देश की मिट्टी में सभी का खून और सभी की शहादतें मिली हुई है और इमहि साझी शहादतों की विरासत पर हमारा देश खड़ा हुआ है मगर कुछ लोग जो आज़ादी आंदोलन के समय अंग्रेजों की मुखबिरी करते थे आज देश को साम्प्रदायिकता की आग में झोंक देने पर आमादा हैं। उन्होंने कहा कि आज की हुक़ूमत जहां एक ओर देश की सारी संपदा को कुछ पूंजीपतियों को कोटियों के दाम पर बेंच रही है वहीं मेहनतकश बहुसंख्यक मजदूर किसान छात्र नौजवान मेहनतकशों को जातीय धार्मिक उन्माद की आग में झोंक देना चाहते है लेकिन ये देश अशफ़ाक़ उल्ला खान और राम प्रसाद बिस्मिल की साझी शहादतों पर बना है और इसी विरासत को आगे बढ़ाते हुए प्रगति के रास्ते जाएगा विभाजनकारी शक्तियां बेनकाब होंगी और हारेंगी देश जीतेगा। श्रद्धान्जलि सभा का समापन करते हुए शिक्षक राजकुमार जी ने नौजवानों से देश की साझी विरासत को बचाने की अपील की। इस दौरान शहीद रोशन सिंह अमर रहें, शहीद राम प्रसाद बिस्मिल, अशफ़ाक़ उल्ला खान अमर रहें, काकोरी कांड के शहीद अमर रहें, देश की साझी विरासत ज़िंदाबाद साम्प्रदायिक ताकतें मुर्दाबाद के नारे लगाए गये। इस दौरान अधिवक्ता मंच प्रमोद कुमार गुप्त, नितेश कुमार, चार्ली प्रकाश, घनश्याम मौर्य, विकास मौर्य, काशान सिद्दीक़ी, मिर्ज़ा अफसान बेग, वर्धमान आदि अधिवक्ता उपस्थित रहे।