अयोध्या दुष्कर्म कांड: पीड़िता का हुआ गर्भपता, डीएनए टेस्ट की तैयारी, अब नहीं बचेगा दुष्कर्मी

अयोध्या। धर्मनगरी अयोध्या में सपा नेता द्वारा किए गए अधर्म की आरोपियों को सजा मिलना तय हैं। दुष्कर्म पीड़िता का मंगलवार को किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के क्वीन मेरी अस्पताल में डॉक्टरों की टीम ने यह गर्भपात कराया। पीड़िता की मां ने मंगलवार दोपहर गर्भपात होने की पुष्टि की है। इसके साथ ही पीड़िता के गर्भपात के बाद डीएनए जांच के लिए जांच अधिकारी को भ्रूण सैंपल भी दिया गया है। डीएनए रिपोर्ट के आधार पर दोषियों की पहचान की जाएगी।

बता दें कि किशोरी से दुष्कर्म के मामले में विपक्ष और आरोपी पक्ष भले ही डीएनए टेस्ट कराने की पुरजोर मांग कर रहा है, लेकिन सिर्फ डीएनए टेस्ट के आधार पर ही आरोपी सपा नेता नहीं बच सकेगा। दोनों में किसी एक आरोपी का भी डीएनए मैच हुआ तो दोनों ही कार्रवाई की जद में आएंगे। विवेचना के बाद चार्जशीट दाखिल होगी और कोर्ट से अंतिम फैसला होगा।

नशीला पदार्थ खिलाकर किया था दुष्कर्म

बता दें कि आरोपियों ने किशोरी को नशीला बिस्किट खिलाकर दुष्कर्म किया था, इसके बाद उसका वीडियो बनाकर कई बार शोषण किया था, उसके गर्भवती होने पर भेद खुला था। मुख्यमंत्री के निर्देश पर आरोपियों पर कार्रवाई शुरू हुई है। पूराकलंदर थाना क्षेत्र के भदरसा में किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म के आरोप में बेकरी मालिक व सपा के भदरसा नगर अध्यक्ष मोईद खान और उनके नौकर सीतापुर निवासी राजू के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। दोनों आरोपियों को जेल भेजा जा चुका है। उनकी संपत्तियों को अवैध बताकर प्रशासन ने बुलडोजर चलाया है। वहीं, दुष्कर्म के बाद किशोरी के गर्भ में 12 सप्ताह का भ्रूण भी पल रहा था।

सपा प्रमुख आरोपी को बचाने के प्रयास में

इतना संवेदनशील मामला होने बाद भी समाजवादी पार्टी प्रमुख आरोपियों को बचाने के लिए डीएनए टेस्ट की मांग कर रहे है, यदि डीएनए मैच नहीं हुआ तो आरोपियों को बचाने के लिए लड़ाई लड़ सके। लेकिन कानून के जानकार इस संभावना को नकार रहे हैं। उनका मानना है कि मामला सामूहिक दुष्कर्म से जुड़ा है। ऐसे में यदि डीएनए दूसरे आरोपी राजू के डीएनए से मैच होता है, तब भी मोईद खान पर दुष्कर्म के आरोपों को नकारा नहीं जा सकेगा।

आरोपियों के बचने के कम चांस

इस दशा में भी सपा नेता की मुश्किलें कम नहीं होंगी। बल्कि विवेचना के दौरान साक्ष्यों व पीड़िता और परिजनों के बयानों के आधार पर न्यायालय ही अंतिम निर्णय लेगा। ऐसे में सपा नेता के लिए न्यायालय ही उम्मीद की आखिरी किरण बचेगी। अयोध्या आईजी प्रवीण कुमार का कहना है कि सामूहिक दुष्कर्म के मामले में यदि एक भी आरोपी का डीएनए मैच हुआ तो दूसरे को सिर्फ आधार पर क्लीनचिट नहीं दी जाएगी। बल्कि विवेचना के आधार पर जो तथ्य व साक्ष्य सामने आएंगे, उस आधार पर कार्रवाई होगी।

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