बदायूं। हम सभी को पता होता है कि पटाखा का कारोबार जाने से खेलने वाला होता, फिर भी हम सभी इस कारोबार में हाथ डालते है, इसके साथ ही इस ज्वलनशील पदार्थ को आबादी से दूर गोदाम में भंडारित करने के निर्देश होते है। इसके बाद भी कारोबारी अपनों की जान की परवाह किए बिना ही आबादी के बीच में इसके कारोबार के साथ ही भंडारण करने लगते है। उसकी इसी लालच में अपनों के साथ ही पड़ोसियों के जान का भी दुश्मन ये लोग बन रहे है। अब तक जितने भी पटाखा गोदामों में विस्फोट हुए है, एकाध को छोड़कर सभी आबादी वाले क्षेत्र में रखे गए थे। इन हादसों में कारोबारी का परिवार ही हादसे का शिकार हुआ है।
विस्फोट से दहला बदायूं
बदायूं के इस्लामनगर में सोमवार दोपहर 3:15 बजे अचानक दिल दहलाने वाला विस्फोट हुआ, जिसकी आवाज एक किमी दूर तक सुनाई दिया। इसके बाद लोगों को धूल का गुब्बार उड़ता दिखाई दिया,पता करने पर मालूम हुआ कि मोहल्ला मुहाली निवासी अख्तर का दो मंजिला मकान जो बदायूं-बिजनौर स्टेट हाईवे किनारे बना था। उसके मकान में दो दुकानें थीं जो ध्वस्त हो गया। स्थानीय लोगों के साथ ही प्रशासनिक अमला वहां पहुंचा। पहले तो लगा शायद सिलेंडर में विस्फोट हुआ है, लेकिन बाद में पता चला कि यहां पटाखों का कारोबार होता था, उसमें विस्फोट होने से यह मकान ढहा।
मासूम के शरीर के उड़े चीथड़े
इस हादसे में पांच साल के तैमूर के शरीर के चीथड़े उड़ गए थे,जिसे देख हर किसी का दिल दहल गया। इसी तरह सलामत बेगम का बरामदे में शव मिला उनके भी कपड़े फट गए थे। मां-बेटे की मौत के साथ ही दो बेटियां घायल हो गईं। दोनों को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
घर से कर रहा था कारोबार
अख्तर अली पिता के आतिशबाजी बिक्री के लाइसेंस पर आबादी के बीच गोल्डन इवेंट नाम से पटाखों का कारोबार करता है। यहीं घर के निचले हिस्से में स्थित दुकान में शादियों के लिए आतिशबाजी बनाई जाती है। इसके लिए बारूद और अन्य जरूरी सामान वह अपने घर में रखता था। इसी मकान के पहले तल पर उसका परिवार रह रहा था।
पांच जेसीबी से तीन घंटे में हटा मलबा
पुलिस ने आनन-फानन में पांच जेसीबी मंगाकर मलबे को हटवाना शुरू किया। तीन एंबुलेंस और डॉक्टरों की टीम भी बुला ली गई। करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद तैमूर का शव मलबे से निकाला गया। वहीं सलामत बेगम झुलसी हुई घायल अवस्था में मिलीं। हालांकि, अस्पताल ले जाते वक्त उन्होंने भी दम तोड़ दिया।घटना के वक्त तमन्ना छत पर थी और विस्फोट से जब छत ढही तो वह खिसककर मकान से बाहर जा गिरी। दूसरी बेटी अर्फी आंगन में रखे जेनरेटर के पास खिलौना गाड़ी पर बैठी खेल रही थी, इसलिए विस्फोट के बाद छत का जो हिस्सा वहां गिरा, वह जेनरेटर पर टिक गया। ऐसे में अर्फी उसके नीचे बैठी रही।
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