लखनऊ। यूपी के दो बड़ै माफिया के अंत के बाद यूपी पुलिस और एसटीएफ की नजर उनके शार्प शूटरों पर पैनी नजर है। कुछ शूटर तो मारे गए, कुछ ने आत्मसमर्पण कर दिया। कुछ ऐसे है,जिनके बारे में पुलिस को कई वर्षों से कोई जानकारी है।जैसे माफिया अंसारी के शूटर शूटर अताउर्रहमान उर्फ बाबू उर्फ सिकंदर, विश्वास नेपाली, शहाबुद्दीन और बीकेडी। वहीं अतीक के शूटर गुड्डू पंडित समेत कई नाम शामिल है। बाबू, विश्वास और शहाबुद्दीन को यूपी पुलिस के साथ सीबीआई भी कई सालों से खोज रही है।
दरअसल, आठ साल में मुख्तार गैंग के तमाम सदस्य पुलिस मुठभेड़ या आपसी गैंगवार में मारे गए। इनमें भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या करने वाले शूटर मुन्ना बजरंगी, राकेश पांडेय, नौशाद, संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा भी शामिल हैं। मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में पश्चिमी उप्र के माफिया सुनील राठी ने हत्या कर दी थी, वहीं राकेश पांडेय उर्फ हनुमान को एसटीएफ एनकाउंटर में ढेर कर चुकी है।
जीवा की लखनऊ में हत्या
कृष्णानंद राय की हत्या में शामिल बिहार के शूटर नौशाद को एसटीएफ ने वर्ष 2005 में ही गाजीपुर में ढेर कर दिया था। वहीं संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा को बीते वर्ष लखनऊ की अदालत में पेशी के दौरान एक युवक ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर मार दिया था। वहीं वर्ष 2021 में मुख्तार के करीबी अजीत सिंह की भी लखनऊ में हत्या हो गई थी। चित्रकूट जेल में उसके पुराने साथी मेराज को अपराधी अंशू दीक्षित ने मार दिया था। ऐसा ही हाल शेर अली, दीपक वर्मा, महेंद्र जायसवाल का भी हुआ। वहीं उसके एक दर्जन से ज्यादा शूटरों को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
कई बड़े शूटर मारे गए
मुख्तार के सबसे खास सहयोगी मुन्ना बजरंगी के गैंग के कई सदस्य मारे गए, जिससे दोनों की पूर्वांचल के अंडरवर्ल्ड में पकड़ कमजोर होती गयी। मुन्ना के साले पुष्पजीत की लखनऊ में अज्ञात हमलावरों ने हत्या कर दी, जिसका आज तक खुलासा नहीं हो सका। इसी तरह वकील पांडेय, अमजद उर्फ अंगद, अमन सिंह, मोहम्मद तारिक उसके आधा दर्जन से ज्यादा करीबी बीते छह साल के दौरान मारे जा चुके हैं।
विश्वास और मुड्डू के साथ आने का शक
मुख्तार का शार्प शूटर विश्वास नेपाली 18 साल से नेपाल में ठिकाना बनाए है। एसटीएफ को शक है कि बसपा विधायक राजूपाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की हत्या में शामिल कुख्यात अपराधी गुड्डू मुस्लिम को विश्वास नेपाली ने ही पनाह दी है। दरअसल, गुड्डू मुस्लिम का मुख्तार से पुराना नाता रहा है। वह मुख्तार के अलावा तमाम माफिया के लिए काम करता रहा है।
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