घुटनों पर आया माफिया: सजा सुनते ही हुआ गुमसुम, यहां तक कि रोजा इफ्तार भी नहीं किया

बांदा। मुख्तार अंसारी यूपी का वह माफिया जिसे रौबदार मूछों और​ निर्भिक हस्ती के रूप में जाना जाता था, जिसके चेहरे पर बड़े से बड़ा अपराध करने पर भी घबराहट नहीं होती थी। वह अब कोर्ट से सजा सुनने के बाद अब ऐसे रोता गिड़गिड़ाता है, जैसे कोई दीन हीन भिखारी हो। कुछ ऐसा ही हाल बुधवार को उस समय देखने को मिला जब कोर्ट ने उसे 36 साल पुराने शस्त्र लाइसेंस मामले में एमपी/एमएलए कोर्ट वाराणसी के विशेष न्यायाधीश अवनीश गौतम की अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश हुआ मुख्तार जज के सामने गिड़गिड़ाने लगा और सिर पकड़कर बैठ गया। दुखी होने के कारण बुधवार शाम को इफ्तार भी नहीं किया।

वीसी से शमिल हुआ माफिया

मा​फिया मुख्तार अंसारी इन दिनों बांदा जेल में अपने कर्मों की सजा काट रहा है। सुरक्षा कारणों के चलते उसे वाराणसी नहीं भेजा गया। हालांकि वह वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जोड़ा गया। जेल सूत्र बताते हैं कि दोपहर बाद जैसे ही कोर्ट ने मुख्तार को उम्रकैद व जुर्माने की सजा सुनाई वह सिर पकड़ कर बैठ गया। वह ब्लड प्रेशर की समस्या होने से अफसर घबरा गए और उसे तत्काल बैरक पर भेज दिया गया। दो बार डॉक्टर ने मुख्तार का स्वास्थ्य परीक्षण किया। हांलाकि डॉक्टरों ने ब्लड प्रेशर को सामान्य बताया। सीसीटीवी के जरिए मुख्तार पर कड़ी नजर रखी गई।

सिर थामकर बैठ गया मुख्तार

शाम को मुख्तार की इफ्तार की प्लेट तैयार की गई तो उस ने पानी पीकर रोजा खोला और कुछ भी नहीं खाया। मुख्तार की इस हालत पर अन्य बंदी भी दुखी दिखे। मुख्तार रोजा खोलने के पहले वह जेल अन्य मुस्लिम बंदियों को फल, खजूर आदि सामग्री वितरित करता था। उधर, जेल प्रशासन का कोई अधिकारी मुख्तार के बारे में कुछ नहीं बता रहा है। किसी ने फोन बंद कर लिए तो कोई मीडिया के फोन रिसीव नहीं कर रहा है।

18 महीने में 8वीं बार मिली सजा

माफिया मुख्तार अंसारी को दूसरी बार उम्रकैद की सजा सुनाई है। इस बार गाजीपुर के 33 वर्ष तीन महीने नौ दिन पुराने फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में सजा सुनाई गई है। 2.02 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। इससे पहले अदालत ने अवधेश राय हत्याकांड में मुख्तार अंसारी को 5 जून 2023 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। पिछले 18 महीने में मुख्तार को आठ मामलों में सजा मिल चुकी है। उसके खिलाफ करीब 65 मुकदमे दर्ज हैं। मुख्तार 18 वर्षों से जेल में है।

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