पटना। बिहार की सियासत पल दर पल बदल रही हैं। नीतीश कुमार ने रविवार सुबह राज्यपाल को इस्तीफा दे दिया, हालांकि उन्होंने कहा कि वह नए गठबंधन के साथ सरकार बनाएंगे। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को समाप्त करने का प्रस्ताव दिया गया है। मैंने इस्तीफा दे दिया है। हमने पार्टी के लोगों की ही बात मानी है। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि मौजूदा गठबंधन से हम अलग हो गए हैं। इस गठबंधन के साथ काम करने में दिक्कत हो रही थी, जिससे मुझे तकलीफ हो रही ती। पार्टी के सदस्यों से मैंने यह समस्या साझा की, तो उन्होंने कहा कि आप इस्तीफा दे दीजिए और मैं उनकी बात को मान लिया है। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अब हम नए गठबंधन के साथ सरकार बनाएंगे।
इंडिया को एकजुट करने में नीतीश अहम
बिहार के सियासी हालात के बारे में पश्चिम बंगाल के बागडोगरा एयरपोर्ट पर कांग्रेस के वरीष्ट नेता और सांसद जयराम रमेश ने कहा कि मुझे कुछ पता नहीं। बिहार की राजनीति पर टिप्पणी नहीं करुंगा। क्या होगा पता नहीं। लेकिन, इतना जरूर कहना चाहता हूं कि नीतीश कुमार ने इंडिया गठबंधन की बैठक में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने 18 जून 2023 को पटना में विपक्षी दलों की पहली बैठक बुलाई।
दूसरी बैठक 17-18 जुलाई को बेंगलुरु में हुई फिर 31 अगस्त-1 सितंबर को मुंबई में बैठक हुई। इस तीनों बैठकों में नीतीश कुमार ने अहम योगदान दिया। हमलोग मान कर चल रहे थे कि वह भाजपा के खिलाफ लड़ेंगे। भाजपा के विचारधारा से लड़ रहे थे। अब आगे दो-तीन दिन क्या होगा पता नहीं। बिहार प्रभारी विनोद तावड़े प्रभारी भाजपा के प्रदेश कार्यालय पहुंचे। मीडिया ने उनके सीएम नीतीश कुमार से साथ मिलकर सरकार बनाने से लेकर कई सवाल किए लेकिन उन्होंने केवल नमस्कार किया और धन्यवाद दिया। यह कहते हुए वह कार्यालय चले गए। इसके अलावा उन्होंने कुछ भी नहीं कहा।
लालू यादव ने मांगा साथ
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने भाजपा और नीतीश कुमार साथ जीतन राम माझी की पार्टी के विधायकों से बिहार के विकास के लिए साथ देे की अपील की दरअसल लालू यादव सोच रहे थे कि वह दूसरे पार्टी के विधायकों को तोड़कर उनका इस्तीफा दिलाकर दूसरे दलों के सहयोग से सरकार बना लेंगे। अब शाम तक स्थिति साफ हो जाएगा बिहार में अब किसकी सरकार बनेगी। नीतीश यादव भाजपा के साथ जाएंगे या लालू यादव जोड़तोड़ करके सरकार बनाएंगे।
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