मां और दादी की तरह उत्तर छोड़ दक्षिण भारत से चुनावी मैदान में उतर सकती है प्रियंका

नईदिल्ली। कांग्रेस अब अपने आपको उत्तर भारत से समेट कर दक्षिण की तरफ शिफ्ट करने पर जुटी है। पहले राहुल गांधी ने वायनाड से चुनाव लड़कर जीत द​र्ज​ किया अब प्रियंका गांधी भी उसी तरफ से मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है। इससे पहले इंदिरा गांधी, इसके बाद सोनिया गांधी भी दक्षिण भारत का रूख कर चुकी थी। दरअसल यूपी में सपा कांग्रेस बहुत कम सीट देना चाह रही है, दूसरी तरफ भाजपा से जीत दर्ज करना शायद अब गांधी परिवार के बूते में नहीं रहा है, इसलिए शेफ जोन में जाकर चुनावी मैदान में उतर रहा है। दूसरा कारण वहां से उन्हें आसानी से जीत मिल जाएगी, यूपी में मैदान मारने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ेगी।

यूपी में नई बिछात

हालिया बदलाव से कयास लगाए जा रहे है कि प्रियंका को सुरक्षित सीट से उतारकर पूरे देश में चुनावी रैलियों में प्रचार के लिए लगाया जाए। बता दें कि प्रियंका महासचिव पद पर तो अब भी बनी हुई हैं लेकिन उन्हें किसी राज्य की जिम्मेदारी नहीं दी गई है। इसी से दोनों मायने निकाले जा रहे हैं- पहला, चूंकि प्रिंयका पर अब किसी राज्य की जिम्मेदारी नहीं है तो वो लोकसभा चुनाव लड़ सकती हैं और दूसरा, चूंकि उनसे उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी वापस ली गई है तो क्या वो अब दक्षिण भारत का रुख करेंगी?

यूपी में नहीं कर सकी कमाल

बता दे​ कि पिछला चुनाव कांग्रेस ने प्रियंका के चेहरे पर लड़ा,लेकिन सफलता कोषों दूर रही है। इसलिए पार्टी अब यूपी में नए प्रयोग करके नए चेहरों पर जिम्मेदारी दे रही है।2019 के लोकसभा चुनावों में राहुल गांधी अमेठी सीट जीत नहीं सके थे। उन्हें स्मृति ईरानी के हाथों हार झेलनी पड़ी थी। उत्तर प्रदेश में एक और परंपरागत सीट रायबरेली को कांग्रेस के खाते में डालने में सोनिया गांधी सफल रही थीं, लेकिन 80 सीटों वाले इस राज्य में और किसी कांग्रेसी को जीत नसीब नहीं हुई थी। कहा जा रहा है कि अगर प्रदेश के दो बड़े दल सपा और बसपा ने सोनिया का मूक समर्थन नहीं किया होता तो रायबरेली पर भी कांग्रेस को निराशा ही हाथ लगती। यही परिस्थिति 2024 के लिए भी बनी हुई है।

प्रियंका भी मां और दादी की राह पर

अगर कांग्रेस पार्टी के लिए उत्तर प्रदेश में परिस्थितियां सही नहीं हैं तो उत्तर भारत का कोई दूसरा राज्य भी ऐसा नहीं है जहां कांग्रेस ज्यादा अच्छी स्थिति में हो। हाल में तेलंगाना और उससे पहले कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनने जबकि पिछले आम चुनाव में केरल के वायनाड से राहुल गांधी को जीत हासिल होने से प्रियंका के लिए दक्षिण की राह ही आसान जान पड़ती है। इतिहास में इंदिरा गांधी से लेकर सोनिया गांधी तक भी दक्षिण का दांव चल चुकी हैं। इंदिरा ने आंध्र प्रदेश के मेडक और कर्नाटक के चिकमगलूर से जबकि सोनिया ने कर्नाटक की बेल्लारी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था और दोनों को जीत भी मिली थी। अब कांग्रेस की तेलंगाना इकाई प्रियंका के वहीं से लड़ने के समर्थन में दलीलें पेश कर रही है।

इसे भी पढ़ें..

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Launch of Rasha from Azad ठंड में सर्दी -खांसी से बचाता है संतरा आंवला एक फायदे अनेक Ginger tea protects from cold Struggle is necessary to survive Hina