लखनऊ। बीजेपी मिशन 2024 के लिए दिन रात मेहनत कर रही है। इसके लिए जीती हुई सीट के साथ ही हारी हुई सीट पर गुणा गणित जारी है। पार्टी ने अपने सांसदों के कार्य का फीडबैक सीधे जनता से लेने के सर्वे करा चुकी है। इस सर्वे रिपोर्ट के अनुसार कई मौजूदा सांसदों को टिकट का काटा जा सकता है। इनमें प्रमुख नाम जो उभर कर सामने आया है। वह मेनका गांधी और वरुण गांधी का। भाजपा ने सुल्तानपुर और पीलीभीत में नए चेहरों की तलाश शुरू कर दी है। लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टी की ओर से सर्वे कराया जा रहा है। उसके अनुसार सुल्तानपुर के भाजपा कार्यकर्ता सांसद मेनका गांधी से नाराज हैं, क्योंकि वह अपने संसदीय क्षेत्र में बहुत कम रहती हैं। संगठनात्मक कार्यक्रमों भी मेनका अधिकांश समय अनुपस्थित रहती है।
कुछ इसी तरह की रिपोर्ट पीलीभीत सांसद वरुण गांधी के प्रति जनता से मिल रही है।
भाजपा का स्थानीय संगठन भी पूरी तरह सांसद के विरोध में हैं। वरुण की बयानबाजी के बाद पार्टी नेतृत्व ने भी इस बार पीलीभीत में प्रत्याशी बदलने का मन बना लिया है। पार्टी वहां से प्रदेश सरकार में कुर्मी समाज के एक राज्यमंत्री को चुनाव लड़ाने की तैयारी कर रही है।
दो साल से दूरी बनाए हैं वरुण
पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी बीते तीन वर्ष से भाजपा से दूरी बनाए हैं। वरुण गांधी ने तो विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में चुनाव प्रचार करने आए। न ही किसी संगठनात्मक कार्यक्रम में शामिल होते हैं। वरुण अक्सर केंद्र सरकार के निर्णयों और प्रदेश की व्यवस्था के खिलाफ मुखर भी होते हैं। भाजपा के उच्चपदस्थ पदाधिकारी ने बताया कि मेनका गांधी और वरुण गांधी केंद्र सरकार में मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज हैं। वैसे वरुण गांधी ने भी स्वतंत्र प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे है, वह पार्टी से इतर अपनी अलग से कार्यकर्ताओं की एक फौज बना ली है, जो क्षेत्र में उनके लिए काम करती है।
इसे भी पढ़े…