लखनऊ । एनडीए को लोकसभा चुनाव में हराने के लिए सारे विपक्षी दलों ने मिलकर इंडिया नाम का मोर्चा बनाया। अब इस मोर्चे को आगे बढ़ाने के लिए सबसे अहम मुदृदा। सीटों के बंटवारे को लेकर उठ रहा है। पहले तो सभी दल स्वार्थ को त्याग कर एक साथ होने का जो वचन दिया था, वह सीट बंटवारे के दौरान विवाद के रूप में उभकर सामने आएगा।
अब बात यूपी की ही की जाए तो सपा कांग्रेस को कमतर आंकते हुए उसे 15 सीटें देने के मूड में है, जबकि कांग्रेसी 45सीटों की मांग कर रहे है, सपा खुद 65 सीटों पर लड़ने के मूड में है। वहीं इस गठबंधन में प्रियंका गांधी और राहुल गांधी बसपा को लाने की भी कवायद कर रहे है, ऐसे में सीट बंटवारे के लिए और कहल हो सकती है। हालांकि, इस बारे में अंतिम निर्णय तभी हो पाएगा, जब घटक दलों का शीर्ष नेतृत्व साथ बैठेगा।
तीन के बदले 65 की मांग
इंडिया गठबंधन में अब सबसे अहम मुद्दा सीटों का बंटवारा ही है। सपा जहां पांच राज्यों के चुनावों में गठबंधन के तहत सीटें चाहती है, वहीं लोकसभा सीटों के मद्देनजर भी होमवर्क प्रारंभ हो गया है। अभी यूपी में सपा के पास तीन और कांग्रेस के पास एक लोकसभा सीट है। सूत्रों के मुताबिक, सपा ने फिलहाल 60-65 सीटों पर लड़ने का इरादा जाहिर किया है। वहीं, दावा करने में कांग्रेस भी पीछे नहीं है।
इंडिया गठबंधन का मानना है कि हर राज्य की परिस्तिथितियां अलग-अलग हैं। इसलिए राज्यवार बैठक करके ही सीटों की बंटवारे की गुत्थियां सुलझाई जा सकती हैं। ये बैठकें करके सभी घटक दलों के शीर्ष नेतृत्व के सामने विचार के लिए राज्यवार प्रस्ताव रखे जाएंगे। वहीं दूसरी तरह एनडीए लंबे समय से एक-एक सीट पर गुणा गणित बैठा रहा है।
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