लखनऊ: विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान 31 जुलाई तक, सीएमओ बोले- यूं बरते सतर्कता

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राजधानी में एक से 31 जुलाई तक विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान और 17 से 31 जुलाई तक दस्तक अभियान चल रहा है। अभियान के दौरान मच्छर पनपने वाले स्थानों को चिन्हित कर मच्छरों एवं लार्वा को नष्ट किया जा रहा है।

लखनऊ। राजधानी में एक से 31 जुलाई तक विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान और 17 से 31 जुलाई तक दस्तक अभियान चल रहा है। अभियान के दौरान मच्छर पनपने वाले स्थानों को चिन्हित कर मच्छरों एवं लार्वा को नष्ट किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम को जनवरी से अब तक 114 घरों में लार्वा मिला है, जिन्हें नोटिस जारी किया गया है। इसके साथ ही जनवरी से अब तक डेंगू के 47 मरीज मिले हैं। यह जानकारी सोमवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. मनोज अग्रवाल ने दी।

स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर यूं कर रहे जागरूक

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि बारिश का मौसम मच्छर पनपने के लिए उपयुक्त होता है जो कि डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के लिए उत्तरदायी होते हैं। उन्होंने कहा कि मच्छरजनित परिस्थितियाँ उत्पन्न न करने का प्रयास करें। बताया गया कि अभियान के दौरान स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर—घर जाकर लोगों को मच्छरजनित परिस्थितियाँ न् उत्पन्न करने, मच्छरों से बचाव के लिए क्या करें और क्या न करें के बारे में जानकारी दी।

बताया गया कि स्कूलों में भी प्रार्थना सभा में बच्चों को मच्छरों से बचाव के लिए जागरूक किया जा रहा है। वहीं मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि डेंगू का मच्छर साफ पानी में पनपता है। इसका लार्वा साल दो साल तक सुप्तावस्था में रह सकता है और उपयुक्त परिस्थितियाँ मिलने पर वह मच्छर में विकसित हो जाता है। उन्होंने कहा कि इसलिए हर सप्ताह कूलर के पानी को निकालकर अच्छे से पोंछें, उसे सुखाकर और संभव हो तो रेगमाल से खुरच लें। उसके बाद पुनः पानी भरें।

यूं बरतें सावधानी

उन्होंने बताया कि इसके साथ ही घर के अंदर यदि शो प्लांट लगाए हैं, तो उसका पानी नियमित बदलते रहें। थोड़ी से लापरवाही भारी पड़ सकती है। वहीं उन्होंने मच्छरों से बचाव के लिए उपाय बताते हुए कहा कि पानी की टंकी और बर्तनों आदि को ढक कर रखें। सोते समय मच्छरदानी या मच्छररोधी क्रीम या क्वायल का उपयोग करें,

पूरी बांह के कपड़े पहने,मच्छरों से बचाव के लिए घर के खिड़की दरवाजों पर जाली लगवाएं, बुखार होने पर तुरंत स्वास्थ्य केंद्र जाएं। यहां जांच और इलाज उपलब्ध है। वहीं उन्होंने बताया कि टूटे बर्तन, कूलर, गमले, गमलों की प्लेट, फ्रिज की ट्रे में पानी न जमा होने दें,सुबह और शाम के समय घर के वो दरवाजे और खिड़कियां न खोलें जहां जाली न लगी हो। उन्होंने कहा कि बुखार होने पर स्वयं कोई इलाज न करें।

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