संभल। यूपी के संभल जिले में एक घर में अवैध रूप से चल रहे पटाखा कारोबार की वजह से चार लोगों की मौत होग गई, जबकि पांच की हालत गंभीर है। वहीं धमाके में कई घर जमींदोज हो गए। मलबे में तब्दील घरों से पुलिस ने 15 लोगों को बचाया। घर में लगी आग के बाद धमाका इतना तेज था कि 45 मिनट तक पटाखे दगते रहे। इसकी आवाज 2 किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। यही नहीं, 500 मीटर तक ईंटें बिखर गईं। हादसे के बाद पुलिस ने 700 मीटर तक घनी आबादी वाले इस मोहल्ले को खाली करा दिया था। पुलिस ने पटाखा कारोबारी को गिरफ्तार कर लिया है। घटना गुन्नौर कस्बे के मोहल्ला सराय की है।
इनकी हुई मौत
संभल के मोहल्ला सराय के पटाखा कारोबारी साबिर अली ने घर में ही पटाखा गोदाम बना रखा था। शाम को इसी गोदाम में आग लगने से विस्फोट हो गया। बारूद के ढेर में लगी आग से साबिर अली का पूरा मकान जमींदोज हो गया। हादसे में साबिर की पत्नी गुड्डो (40), बेटी अनम (25), पड़ोस में रहने वाले पप्पू की 12 साल की बेटी सुमैया और जसवंत के 6 महीने के बेटे ओम की मौत हो गई।
भागती रही एम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड
हादसे की सूचना पाकर मौके पर डीएम मनीष बंसल और SP चक्रेश मिश्रा समेत कई अफसर मौके पर पहुंचे। कुछ ही देर में कई फायर बिग्रेड की गाड़ियां और एम्बुलेंस भी मौके पर पहुंच गई। साढ़े 6 बजे से लगातार रेस्क्यू अभियान चलाया गया। सबसे पहले आग बुझाई गई।इसके बाद मौके पर JCB लगाकर मलबे को हटाया गया। 15 लोगों को मलबे से निकालकर तत्काल जिला अस्पताल भेजा गया। घायलों में प्रमोद, जेएफ सैमुयल के तीन बेटे रवि, प्रमोद और राजेश, मैरी, प्रवेश, शानू और मोनू, विमल शामिल हैं।पटाखा कारोबारी साबिर अली ने बताया कि वह मंगलवार को दवाई लेने के लिए बबराला गया था। चंदौसी से दो कट्टे आतिशबाजी को लाकर रखे थे। इसी बीच उसके घर में विस्फोट हो गया और उसमें परिवार के लोग दब गए।
चार पड़ोसियों के मकान भी क्षतिग्रस्त
धमाका में साबिर का पूरा मकान जमींदोज हो गया। साबिर अली के पड़ोसी मौलाना उवैस, अफजल, नासिर और पूरन के मकान भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। धमाके 6.20 बजे तक होते रहे। एसपी चक्रेश मिश्रा ने बताया कि हादसे में अभी तक 4 की मौत हुई है। अन्य लोगों का इलाज अस्पताल में चल रहा है। पटाखा मालिक साबिर के खिलाफ FIR दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया है। रिहायशी एरिया में पटाखों का भंडारण किया गया था, जिसके चलते हादसा हुआ है। साबिर को घर में पटाखा रखने की परमिशन नहीं थी।
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