आजमगढ़। यूपी के आजमगढ़ जिले में इस समय प्रशासन काफी पशोपेश में हैं, क्योंकि एक युवक की मौत के बाद दो सगी बहनें उसकी पत्नी होने का दावा करते हुए संपत्ति पर अधिकारी जमा रहा हैं, अब प्रशासन किसको उसका वारिश घोषित करें, इसी उलझन में अधिकारी हैं। दरअसल आजमगढ़ के तहबरपुर ब्लॉक क्षेत्र के भोर्रा गांव निवासी रामजीत यादव की शादी कल्पना यादव नाम की महिला के साथ हुई थी।
शादी के कई साल बाद भी कल्पना गर्भवती नहीं हुई तो रामजीत को अपना वंश चलाने की चिंता होने लगी। जिस पर वह पत्नी की रजामंदी से उसकी छोटी बहन पार्वती को भी अपने साथ पत्नी के रूप में रख लिया। जिससे एक पुत्र भी है। रामजीत अपनी पहली पत्नी व साथ रखे उसकी बहन को लेकर महाराष्ट्र के पुणे शहर में रहता था। लगभग डेढ़ साल पूर्व रामजीत की मौत हो गई। जिस पर मृतक रामजीत के छोटे भाई कन्हैया ने उसकी संपत्ति पहली पत्नी कल्पना के नाम करवाने का निर्णय लिया।इस बात की जानकारी जब पार्वती को हुई तो वह अपने बच्चे के साथ भोर्रा गांव आ धमकी।
मामला हाईकोर्ट में पहुंचा
पत्ति को लेकर दोनों बहनों में विवाद हो गया। पर्वती का कहना है कि रामजीत से उसका एक बच्चा है, ऐसे में संपत्ति उसे मिलनी चाहिए। वहीं कल्पना पहली पत्नी होने के नाते संपत्ति पर खुद का दावा कर रही है। दो सगी बहनों के बीच विवाद को लेकर रामजीत के भाई कन्हैया ने हाईकोर्ट में केस कर दिया।हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन को दो माह के अंदर मामले का निस्तारण कराने का निर्देश दिया। हाईकोर्ट के निर्देश पर एडीओ पंचायत, दो सेक्रेटरी व आठ गांव के प्रधानों की एक टीम बनी। टीम तीन दिनों से मामले के निस्तारण के गांव में खुली बैठक कर रही है लेकिन अब तक कोई निर्णय नहीं हो सका है।
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