लखनऊ: नियुक्ति की मांग को लेकर होम्योपैथिक फार्मासिस्टों ने यूं भरी हुंकार, फार्मेसिस्ट फेडरेशन का मिला समर्थन

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यहां प्रदेश के समस्त जिलों के होम्योपैथिक फार्मासिस्ट अनवरत अनशन में शामिल होकर विरोध दर्ज कराया। होम्योपैथिक फार्मासिस्ट अभ्यर्थियों ने बताया कि यह धरना प्रदर्शन लगातार जारी रहेगा जब तक नियुक्ति का आदेश नहीं मिल जाता।

लखनऊ । राजधानी स्थित इको गार्डन धरना स्थल पर गुरूवार को होम्योपैथिक फार्मासिस्टों ने एकजुट हो अपनी नियुक्ति की मांग को लेकर आवाज बुलंद की। अपनी मांगों के समर्थन में यहां जुटे होम्योपैथिक फार्मासिस्टों ने धरना—प्रदर्शन कर जमकर नारेबाजी भी की। यहां प्रदेश के समस्त जिलों के होम्योपैथिक फार्मासिस्ट अनवरत अनशन में शामिल होकर विरोध दर्ज कराया। होम्योपैथिक फार्मासिस्ट अभ्यर्थियों ने बताया कि यह धरना प्रदर्शन लगातार जारी रहेगा जब तक नियुक्ति का आदेश नहीं मिल जाता।

यूं झेल रहे बेरोजगारी की मार

होम्योपैथिक फार्मासिस्टों के मुताबिक कोर्ट के आदेश मिलने के बावजूद भी चयन आयोग द्वारा आदेश निर्गत नहीं किया गया। जिससे बेरोजगारी की मार झेल रहे फार्मासिस्टों ने आखिरकार शासन का ध्यानाकर्षण करने के लिए अनिश्चत कालीन धरने पर बैठ गये। वहीं फार्मासिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव ने यहां पहुंचकर इन्हें अपना समर्थन दिया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि चार वर्षो से नियुक्ति लंबित होने से फार्मासिस्ट बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं।

सीएम योगी से हस्तक्षेप की अपील

उन्होंने अपील करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री से मेरा आग्रह है कि इस मामले में हस्तक्षेप कर त्वरित निर्णय करना चाहिए। जिससे बेरोजगार फार्मासिस्ट 2019 से परेशान है जिनकी नियुक्ति बेवजह विवादित बनाई जा रही है। ज्ञात हो कि 2019 में चयनित होम्योपैथिक फार्मासिस्ट अभ्यर्थियों द्वारा 4 साल से लंबित फार्मासिस्ट भर्ती में नियुक्ति ना होने से अपनी मांगों को लेकर अनवरत आमरण अनशन का प्रारंभ कर दिया है। अभ्यर्थियों के मुताबिक होम्योपैथिक फार्मासिस्ट भर्ती प्रक्रिया उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में फरवरी, 2019 से चल रही है। विज्ञापन जारी होने के लगभग 2 वर्ष 6 माह पश्चात आयोग ने उक्त भर्ती का अंतिम चयन परिणाम 22 नवंबर 2021 को जारी किया था।

अभ्यर्थियों ने लगाया आरोप

बताया गया कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग अपने मनमानी रवैये को बरकरार रखते हुए नियुक्ति प्रक्रिया को अग्रेषित नहीं कर रहा है। फार्मासिस्ट अभ्यर्थियों का आरोप है कि उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की सुस्त कार्यप्रणाली लंबित वादों के निस्तारण एवं भर्ती प्रक्रिया को पूरी करने में कोई रूचि नहीं दिखा रहा है। आयोग द्वारा असफल अभ्यर्थियों की वजह से समस्त सफल चयनित अभ्यर्थियों के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है। वहीं इस दरम्यान यहां भारी संख्या में होम्योपैथिक फार्मासिस्ट अभ्यार्थी मौजूद रहे।

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