लखनऊ: ‘मां’ के मंचन ने यूं बयां की नारी के संघर्ष व बलिदान की गाथा

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उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी के सहयोग से शुक्रवार को सृजन शक्ति वेलफेयर सोसायटी लख़नऊ द्वारा आज़ादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत देश व वचन के लिए पुत्र प्रेम त्यागने वाली 'माँ' नाटक का मंचन किया गया।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी के सहयोग से शुक्रवार को सृजन शक्ति वेलफेयर सोसायटी लख़नऊ द्वारा आज़ादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत देश व वचन के लिए पुत्र प्रेम त्यागने वाली ‘माँ’ नाटक का मंचन किया गया। राजधानी स्थित संगीत नाटक अकादमी के वाल्मीकि प्रेक्षागृह में मंचित इस नाटक ने एक देशभक्त की पत्नी के बलिदान को दर्शाया। मंचन ने बहुत ही मज़बूती के साथ दर्शकों को बांधे रखा।

उम्दा अभिनय ने किया अभिभूत

मुख्य भूमिका में रंगकर्मी डॉ. सीमा मोदी व नवनीत मिश्रा ने अपने बेहतरीन अभिनय से मंचन को जीवंत बना दिया। वहीं नाट्य लेखन वरिष्ठ रंगकर्मी व लेखक के.के. अग्रवाल की भूमिका सराहनीय रही। नाटक की परिकल्पना व निर्देशन डॉ.सीमा मोदी का रहा। दरअसल ‘मां’ मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखित एक अत्यंत मार्मिक कहानी है, जिसमें अपनी देश के प्रति निष्ठा एवं स्वतंत्रता सेनानी पति को दिये गये वचन को निभाने के लिए एक भारतीय नारी अपने पुत्र प्रेम का बलिदान कर देती है।

इन कलाकारों ने भी निभाई अहम भूमिका

नाटक में आराध्या, अहमद रशीदी, आलिश, विनायक तिवारी श्रुति सिंह, मुस्कान, आनन्द ,शुभम शुक्ला, अम्बरीष चतुर्वेदी आदि ने अपने अभिनय से नाटक को जीवंत बनाए रखा। वहीं नेपथ्य में अनन्या सिंह, लक्ष्मी, बिमला बरनवाल, सौम्या मोदी, शुभम,आदित्य आदि की भूमिका भी सराहनीय रही। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि जितेंद्र कुमार आईएएस ,प्रमुख सचिव भाषा विभाग ,उर्दू अकादमी के सचिव एम आदिल हसन, पवन कुमार आईएएस,आईएएस श्री हरी, समीर शेख समेत भारी संख्या में दर्शक मौजूद रहे।

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