लखनऊ, बिजनेस डेस्क। यस बैंक ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा शुरू की गई मुद्रा, डिजिटल रुपया के पहले पायलट लॉन्च में भाग लेने की आज घोषणा की। डिजिटल रुपया , सॉवरेन कागजी मुद्रा की तरह एक कानूनी निविदा है, और इसे आरबीआई द्वारा डिजिटल रूप में जारी किया गया है। बैंक ने अपने खुदरा ग्राहकों और मर्चेंट्स सहित अपने बंद उपयोगकर्ता समूह (सीयूजी) के लिए आरबीआई की सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) आज लॉन्च की। यस बैंक खुदरा बाजार के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की डिजिटल करेंसी के पहले पायलट के तहत इसके द्वारा चिह्नित चार बैंकों में से एक है।
यह प्रोजेक्ट डिजिटल रूप से संचालित अर्थव्यवस्था बनाने पर आरबीआई के जोर के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य समान सुविधाओं के साथ नकदी के डिजिटल संस्करण को पेश करके नकदी पर निर्भरता को कम करना है। इससे आरबीआई को मुद्रा की छपाई और रखरखाव पर होने वाले खर्च को कम करने में मदद मिलेगी, जबकि जालसाजी से बचने में भी इससे सहायता मिलेगी।
नयापन लाने का प्रयास
इस प्रगति पर टिप्पणी करते हुए, यस बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, श्री प्रशांत कुमार ने कहा, “यस बैंक ग्राहकों को अपने सर्वोत्तम कोटि के प्रौद्योगिकी ढाँचे का लाभ उठाकर एक अलग बैंकिंग अनुभव प्रदान करने और अपनी अंतर्निहित क्षमता में भी कुछ नयापन लाने के लिए लगातार प्रयासरत रहा है। आरबीआई द्वारा अपनी डिजिटल मुद्रा लॉन्च करने का निर्णय निश्चित रूप से एक महत्वपूर्ण निर्णय है, जो डिजिटल रूप से संचालित अर्थव्यवस्था के निर्माण के उनके समग्र उद्देश्य के साथ अच्छी तरह से संबद्ध है।
आरबीआई द्वारा दोनों महत्वपूर्ण सीबीडीसी पायलट परियोजनाओं (थोक और खुदरा) में भाग लेने के लिए हमें चुना जाना हमारे लिए सचमुच बेहद गर्व की बात है, और हमें विश्वास है कि नियामक, बैंकों और फिनटेक के पारिस्थितिकी तंत्र से सीबीडीसी के बल पर अधिक नवाचार को बढ़ावा मिलता रहेगा, और सरकार एवं आरबीआई के डिजिटल इंडिया के दृष्टिकोण को इससे समर्थन मिलेगा।
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